उच्च शिक्षा विभाग: अतिथि विद्वानों से रेगुलर शिक्षकों के बराबर काम, लेकिन छह माह से नहीं मिला वेतन

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग की एक लापरवाही के कारण अतिथि विद्वानों को छह माह से वेतन नहीं मिला है। जबकि नए आदेश के अनुसार अब अतिथि विद्वानों से रेगुलर शिक्षकों के बराबर काम लिया जाने लगा है। दरअसल विभाग ने इनके लिए नई दरों के अनुसार वेतन देने का आदेश जो जारी कर दिया। लेकिन इसके लिए बजट का प्रावधान कराना भूल गया। वहीं जानभागीदारी से वेतन देने पर भी रोक लगा दी गई। इसके चलते कॉलेज प्रबंधन भी इनकी मदद नहीं कर पा रहे हैं। 

मप्र अस्थाई प्राध्यपक संघ के सचिव डॉ डीपी सिंह ने बताा कि प्रदेश के अधिकतर कॉलोजों में अतिथि विद्वानों को वेतन नहीं मिला है। पूर्व में अतिथि को एक कार्य दिवस में 275 रूपए प्रति लेक्चर के हिसाब अधिकतम तीन पीरियड के 825 रूपए का भुगतान किया जाता था। नए आदेश के अनुसार न्युनतम 30 हजार मिलना है। 

लेकिन इसके लिए कॉलेज में रोजाना 7 घंटे रुककर शैक्षणिक व गैर शिक्षणक कार्य करने पड़ रहे हैं। अतिथि विद्वानों ने बताया कि उन्हे कॉलेज आने-जाने के लिए भी परेशानी हो रही है। कई लोग ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों पढ़ा रहे हैं। इसके लिए वे या तो वहां किराए के मकान लेकर रह रहे हैं। 

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