अधिकारियों की लापरवाही से CM हेल्पलाइन बनी मजाक, 8 हजार शिकायतें लंबित

सीधी 
मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा गांवों में रहने वाले लोगों की समस्याओं की शिकायतों के निराकरण के लिए बनाई गई सीएम हेल्पलाइन सीधी जिले में दम तोड़ रही है. ग्रामीणों द्वारा इस हेल्पलाइन पर कई शिकायतें भी की गई, लेकिन जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता की वजह से समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. मामले में सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह ने विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर जल्द ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिये हैं.

सीधी में प्रशासनिक अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन के जरिए ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायतों से कोई सरोकार नहीं है, जिसकी वजह से जिले भर में आठ हजार से अधिक शिकायतें लंबित पड़ी है. ज्यादातर शिकायतें ऊर्जा, पुलिस, राजस्व, वित्त, लोक शिक्षण और पंचायती राज विभाग की है. ग्रामीणों के अनुसार प्रशासनिक अधिकारियों ने सीएम हेल्पलाइन को मजाक बनाया हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा फर्जी बिल और बाउचर लगाकर लाखों का गबन किया गया है, जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की गई थी, लेकिन इसका निराकरण कभी नहीं हो पाया.

ग्रामीणों ने बताया कि सीएम हेल्प लाइन में की गई शिकायत एल वन, एल टू, एल थ्री से एल फॉर तक जाती है फिर चार माह बीत जाने के बाद ये शिकायतें एल वन में आकर रह जाती है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाता. जिले में विभिन्न प्रकार कि शिकायतें एल वन स्टेज पर पांच हजार से ज्यादा लंबित है और एल फॉर में एक हजार से ज्यादा शिकायतों का निराकरण शेष है. मामले में जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में बहुत सी शिकायतें लंबित है और कुछ शिकायतें बहुत जटिल है, जिनका निराकरण किया जाना था, लेकिन अब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और संतोषपूर्वक जवाब नहीं मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी.

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