#MeToo: जज ने अपने चैंबर में सीसीटीवी कैमरा लगाने का दिया आदेश

 
चेन्नै 

कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के एक जज ने अपने चैंबर में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने महात्मा गांधी के कथन ‘कथनी से करनी भली’ का हवाला देते हुए तमिलनाडु सरकार के उच्चाधिकारियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव भी दिया। बता दें कि पिछले दिनों कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों को उठाते हुए सोशल मीडिया पर हैशटैग मी टू अभियान ट्रेंड में रहा था।  

न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने आईपीएस अधिकारी एस मुरुगन और एक महिला पुलिस अधीक्षक की याचिकाओं को देखते हुए अदालत की रजिस्ट्री को दो सप्ताह के भीतर अपने चैंबर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। महिला पुलिसकर्मी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। 

अदालत ने अपने आदेश में गांधी के कथन ‘थोड़ा-सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है’ का जिक्र किया और आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) और सीबी-सीआईडी की जांच आगे बढ़ाने की मंजूरी दी जिसने महिला अधिकारी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। 

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने ऐसे आरोपों से बचने और महिला कर्मचारियों की यौन उत्पीड़न से रक्षा करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव से चैम्बर्स और सभी उच्च अधिकारियों के कार्यालयों के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगाने की सिफारिश की। इसके अलावा कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई शुरू करने का काम राज्य के मुख्य सचिव को सौंपा है। 
 

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