90 फीसदी तक घटे कैंसर की 9 दवाओं के दाम

 
चेन्नई 

मरीज और उनके परिवार कैंसर का खर्च उठा सकें, इसके लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। 9 ऐंटी-कैंसर दवाएं, जिनमें लंग कैंसर में इस्तेमाल किए जाने वाले कीमोथैरपी इंजेक्शंस भी शामिल हैं, उनका दाम 87 फीसदी तक कम कर दिया गया है। यह फैसला नैशनल फार्मासूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने लिाय है। 
 

ऑर्डर के मुताबिक, pemetrexed (500mg) इंजेक्शन जिसे ब्रैंड नेम Pemxcel के अंडर बेचा जा रहा था, इसका दाम 22,000 से घटाकर 2,800 रुपये कर दिया गया है। इस इंजेक्शन की 100mg डोज की कीमत 7,700 के बजाय 800 रुपये होगी। 

एक और कॉमन कीमो ड्रग epirubicin (ब्रैंड नेम Epichlor) के 10एमजी इंजेक्शन की कीमत 276.8 रुपये होगी, पहले यह 561 रुपये में बेचा जा रहा था वहीं 50एमजी वाले इंजेक्शन जिसकी कीमत 2,662 थी, उसकी कीमत अब 960 रुपये होगी। 
  
बॉलिवुड ऐक्टर ऋषि कपूर, ऐक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे और ऐक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप- ये कुछ ऐसे नाम हैं जो पिछले साल अलग-अलग तरह के कैंसर का शिकार हो गए थे। लेकिन अपनी मजबूत विल पावर और समय पर सही इलाज की बदौलत इन सिलेब्स ने कैंसर को हरा दिया है। हालांकि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका सफल इलाज होने के बाद भी यह जानलेवा बीमारी दोबारा उभरकर वापस आ सकती है। कैंसर के कुछ मामले ऐसे होते हैं जो 5 साल के भीतर दोबारा उभरते हैं जबकि कुछ को दोबारा आने में एक दशक से अधिक का समय लग जाता है। लिहाजा कैंसर का सफल इलाज हो जाने के बाद भी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए…

 अगर किसी कैंसर पीड़ित की सर्जरी होती है तो डॉक्‍टर्स निश्चित तौर पर कैंसर सेल्‍स को हटाने का पूरा प्रयास करते हैं, बावजूद कुछ सेल्‍स बच जाते हैं। ऑपरेशन के पहले ये सेल्‍स टूटकर बिखर जाते हैं और शरीर में रह जाते हैं। बाद में ये बढ़ते हैं। ऐसे में कीमोथेरपी, रेडियोथेरपी, हॉर्मोन थेरपी या बॉयोलॉजिकल थेरपी जारी रखना चाहिए ताकि शरीर के भीतर बचे सेल्‍स नष्‍ट हो सकें।

 इलाज खत्म हो जाने के कई सालों बाद तक आपको डॉक्टर से जांच कराने की जरूरत बनी रहेगी। इन जांचों में शारीरिक जांचें और खून की जांचें शामिल हो सकती हैं जिनके आधार पर कैंसर की वापसी के बारे में पता चलने में मदद मिल सकती है। छाती के एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई (MRIs) की जरूरत भी पड़ सकती है।

 उपचार के बाद सर्वोत्तम चीज़ों में से एक है कि स्वस्थ खाने की आदतों को अपनाना। हर रोज़ कम से कम 2-3 कप सब्जियां और फल खाने की कोशिश करें। रिफाइंड यानी सफेद मैदा या शक्कर की जगह पर मोटे अनाज वाले खाद्य पदार्थ खाएं। अधिक वसा वाले मीट को सीमित करें। हॉट डॉग, डेली मीट और बेकन जैसे परिष्कृत मीट का सेवन कम से कम करें। अगर आप शराब पीते हैं, तो हर दिन 1 पेग से ज्यादा शराब न पिएं। अधिक तेल वाले, भूने हुए, नमकीन या मसालेदार भोजन को नजरअंदाज करें और संतुलित एवं हल्का आहार लें।

 कैंसर के इलाज के बाद अक्सर जरूरत से ज्यादा थकान महसूस होने लगती है। ऐसे में सामान्य आराम और इसे सहजता से लेने से थकावट को दूर किया जा सकता है। थकान को दूर करने के लिये कैंसर पीड़ितों को योग और मेडिटेशन के साथ नियमित व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ ही म्यूजिक थेरपी के माध्यम से भी उन्हें बेहतर महसूस हो सकता है और वे ऊर्जावान महसूस करते हैं।

 कैंसर उपचार के बाद मरीजों में वजन घटने या बढ़ने की समस्या हो सकती है, लेकिन इसकी बहुत अधिक चिंता नहीं करनी चाहिए। हालांकि, कैंसर के मरीजों में वजन घटना बेहद आम बात है, लेकिन ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं में मोटापा एक बड़ी समस्या है। लिहाजा वजन घटने को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन 450 कैलरी तक आहार लेना जरूरी है। हल्का भोजन करें और कैंसर उपचार कराने से पहले प्रोटीन से भरपूर भोजन करने से परहेज करें, ताकि प्रतिकूलता से बचाव में मदद मिल सके। कैंसर उपचार के बाद मरीजों को पर्याप्त पानी पीना चाहिए और कार्डियो ऐक्टिविटीज करनी चाहिए।

 

 

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