17 करोड़ की लागत से संवरेगा अयोध्या में तुलसी स्मारक भवन

 अयोध्या 
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था अयोध्या शोध संस्थान के तुलसी स्मारक भवन का 17 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट में इस निर्माण के मद में साढ़े चार करोड़ के धनराशि की स्वीकृति दी जा चुकी है। यह जानकारी संस्थान के निदेशक डा. वाईपी सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बीते दिनों अयोध्या जनपद के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश सरकार के पर्यटन व संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. नीलकंठ तिवारी ने भवन का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया था।

मालूम हो कि तुलसी स्मारक भवन का प्रेक्षागृह पूरी से जर्जर हालत में है। इस प्रेक्षागृह के जीर्णोद्धार के लिए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लि. अयोध्या ईकाई की ओर से वर्ष 2013-14 में प्रदेश सरकार को आगणन भेजा गया था। तत्कालीन कमिश्नर विपिन कुमार द्विवेदी की संस्तुति से भेजे गये आगणन की अनुमानित लागत दो करोड़ साठ लाख के करीब थी। तब से यह प्रस्ताव अटका पड़ा था। इसी प्रस्ताव में तत्कालीन कमिश्नर श्री द्विवेदी ने यहां चल रही अनवरत रामलीला का बजट भी बढ़ाने की संस्तुति की थी। बताया गया कि उस समय रामलीला का वार्षिक बजट चालीस लाख था जिसे बढ़ाकर 75 लाख किए जाने का प्रस्ताव था।

23 नवम्बर 2015 को संस्थान के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी अविनाश श्रीवास्तव की ओर से सुसाइड कर लेने की घटना के बाद से अनवरत रामलीला के मंचन पर ब्रेक लग गया था। इसके बाद रामलीला के पुन: मंचन को लेकर संस्थान पर दबाव पड़ा तो निदेशक डा. सिंह ने यह कहते हुए पूरी तरह से हाथ खड़ा कर दिया कि एक तरफ कर्मचारी व धनाभाव है और दूसरी तरफ प्रेक्षागृह भी जर्जर है। ऐसे हालत में वह जिम्मेदारी नहीं ले सकते। फिलहाल 2017 में विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद आई बीजेपी सरकार ने रामलीला का पुन: मंचन प्रारम्भ कराया।

 संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीरथ के अनुसार दोबारा अनवरत रामलीला का मंचन तीन मई 2017 से शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलीला का वार्षिक बजट चालीस लाख से बढ़ाकर पचास लाख करने की मंजूरी प्रदान की। इसके साथ ही उन्होंने शोध संस्थान के प्रेक्षागृह ही नहीं, पूरे तुलसी स्मारक भवन को नया कलेवर प्रदान करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद संस्कृति विभाग की ओर से प्राइवेट आर्कीटेक्ट हायर कर नये भवन का मॉडल तैयार कराया गया है। इस मॉडल का अनुमोदन शासन की हाईपावर कमेटी ने भी कर दिया है। इस मॉडल में भवन के बाहरी स्ट्रक्चर को विस्तार देते हुए खूबसूरत संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। बताया गया कि निर्माण की कार्यदाई संस्था के विषय में अभी निर्णय नहीं लिया गया है। 

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