सीएम नीतीश ने कहा – गरीब कल्याण रोजगार अभियान में हर पंचायत पर खर्च होंगे 3.43 करोड़ रुपये 

पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत छह राज्यों के 116 जिले में की गई है। इसमें बिहार के 38 में से 32 जिले शामिल हैं। इसमें उन जिलों को शामिल किया गया है, जहां बाहर से 25 हजार या उससे अधिक लोग वापस आए हैं। केंद्र सरकार इस पर 50 हजार करोड़ खर्च कर रही है। इस अभियान के तहत एक पंचायत में तीन करोड़ 43 लाख खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शनिवार को बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार ग्राम पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शामिल हुए और अपनी बात कही। खगड़िया से अभियान का शुभारंभ करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 25 कार्य क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसमें कार्य की अवधि अभी 125 दिनों की है। राज्य सरकार भी अपनी तरफ से तेलिहार ग्राम पंचायत में दो करोड़ 30 लाख की योजना की शुरुआत कर रही है, जिसका शुभारंभ भी प्रधानमंत्री के हाथों हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान काफी प्रशंसनीय है। लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। मनरेगा, सड़क निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों के साथ-साथ सात निश्चय की योजनाओं, जल-जीवन- हरियाली अभियान की योजनाओं के तहत राज्य के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। 

20 लाख से अधिक लोग आए बिहार 
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में काम करने वाले बिहार के श्रमिकों को काफी कष्ट हुआ। हमलोगों ने लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में फंसे बिहार के 21 लाख से अधिक लोगों को राहत देने के लिए उनके खाते में एक-एक हजार भेजा। बाद में केन्द्र सरकार द्वारा प्रावधानों में बदलाव किया गया एवं दूसरे जगहों पर फंसे लोगों को अपने राज्य में वापस जाने के लिये श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी गयीं। इन ट्रेनों के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा लोग बिहार वापस आए। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी कई लोग वापस आए हैं। बाहर से आये लोगों को क्वारंटाइन सेंटरों में सभी जरूरी सुविधाओं के साथ रखा गया। साथ ही कुछ लोगों को होम क्वारंटाइन में निगरानी के साथ रखने का प्रावधान भी किया गया। हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को भी बिहार के बाहर नहीं जाना पड़े। लोगों को यहीं रोजगार मिले। 

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