NASA ने बताया दुनिया में कब, कैसे, कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण

वॉशिंगटन
चांद के पृथ्वी और सूरज के बीच आने से ग्रहण (Solar Eclipse 2020) होना कोई अनोखी बात नहीं है लेकिन इस बार (21 June, 2020) की यह खगोलीय घटना बेहद खास है, जिसे रिंग ऑफ फायर नाम दिया गया है। दरअसल, इस बार चांद सूरज को पूरी तरह से ढकेगा नहीं बल्कि सूरज उसके पीछे से झांकता रहेगा। यह नजारा आग के चमकदार छल्ले जैसा नजर आने वाला है और इसलिए इसे यह नाम (Ring of Fire) मिला है। इसके अलावा एक इस दिन एक और खगोलीय इवेंट होता है।  भारत में रविवार यानी 21 जून को सुबह 9 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर ग्रहण 3 घंटे 26 मिनट तक दिखाई देगा। इस दौरान कुछ जगहों पर सूरज 99.4% तक छिप जाएगा। चांद इस वक्त पृथ्वी से सबसे दूर (apogee) होने वाला होगा, इसलिए वह पूरी तरह से सूरज को ढक नहीं सकेगा। NASA ने यह भी बताया है कि 21 जून 2020 को सिर्फ सूर्य ग्रहण नहीं Summer Solstice भी होगा यानी यह सबसे लंबा दिन होगा क्योंकि सूरज धरती के सबसे ऊंचाई पर होगा।

2013 में कैद किया गया था नजारा
इससे पहले वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के ऐस्ट्रोनॉमी स्टूडेंट और फटॉग्रफर कॉलिन लेग ने ऐसा नजारा मई 2013 में अपने कैमरे में कैद किया था। इस ग्रहण को अफ्रीका और एशिया में साफ-साफ देखा जा सकेगा। इसके अलावा, दक्षिणपूर्व यूरोप, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में भी आंशिक ग्रहण दिखाई देगा।

NASA ने बताईं अहम बातें
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का कहना है कि पृथ्वी से जिन जगहों पर ग्रहण देखा जा सकेगा, वहां से मीलों दूर होने पर भी आसमान साफ रहने पर इसको देखे जाने की संभावना है। हर साल लोग ग्रहण देखने के लिए ट्रैवल भी करते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सकेगा और ज्यादातर लोग ऑनलाइन स्ट्रीमिंग से ही इस नजारे को देखेंगे। इस रविवार के बाद अगले साल 2021 में रिंग ऑफ फायर बनेगा जिसे सिर्फ आर्कटिक से देखा जा सकेगा।

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