मछलियों में मिला खतरनाक रसायन, बिहार में बैन हुई आंध्र की मछलियां

पटना            
बिहार में मछली खाने का शौक रखने वालों के लिए बुरी खबर है. यहां के स्वास्थ्य विभाग ने आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आने वाली मछलियों की बिक्री पर रोक लगा दी है. इस फैसले के बाद व्यापारी से लेकर आम लोगों के बीच नाराजगी है. बताया जा रहा है कि बिहार सरकारको ऐसा फैसला इसलिए लेना पड़ा है क्योंकि आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों की जांच में खतरनाक केमिकल फार्मोलिन पाया गया है.

इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का कहना है कि आंध्र से आने वाली मछलियों में फार्मोलिन मिला है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. 

उन्होंने बताया कि करीब तीन माह पहले पटना के पशुपालन एवं मत्स्य विभाग ने मछलियों के 25 नमूनों की जांच की थी. इसमें हैरान करने वाली बात सामने आई. मछलियों में फार्मोलिन, लेड और कैडमियम पाए गए थे. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मछलियों कीबिक्री पर रोक लगाई है. 

मछली विक्रेताओं को बड़ा नुकसान...

बिहार में मछली की बिक्री पर रोक लगने के बाद व्यापारी खासे नाराज हैं. मछली थोक विक्रेता संघ के सचिव अनुज का कहना है कि हर दिन आंध्र प्रदेश से करीब 350 टन मछली ट्रकों के जरिए बिहार के अलग-अलग हिस्सों में जाती है. 

उन्होंने बताया कि पटना में 80 फीसदी मछली आंध्र प्रदेश से सप्लाई होती है. ऐसे में यदि आंध्र प्रदेश की मछलियों की बिक्री पर रोक लगाईं गई है तो इसका असर पूरे मछली व्यापारियों पर पड़ेगा. उनका बड़ा नुकसान होगा.

व्यापारी करेंगे विरोध…

मछली थोक विक्रेता संघ के सचिव अनुज कुमार का यह भी कहना है कि, "अन्य प्रदेशों से आने वाली मछली में फार्मोलिन सहित अन्य हानिकारक रसायनों की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होती है. बैन लगाना गलत है. 

उन्होंने कहा कि यदि इस फैसले को सरकार वापस नहीं लेती है तो 17 जनवरी को राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा. यही नहीं, व्यापारी संघ इस फैसले के खिलाफ अदालत की शरण भी ले सकता है. 

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