‘समाधान ऑनलाइन’ बंद, अब ‘जन अधिकार’ में शिकायत सुनेंगे कमलनाथ

भोपाल
 मध्य प्रदेश में पूर्व की सरकार की योजनाओं और फैसलों पर जमकर कैंची चल रही है| अब शिवराज सरकार की 'समाधान ऑनलाइन' कार्यक्रम को बंद कर दिया गया है| मुख्यमंत्री कमलनाथ इसकी जगह 'जन अधिकार' कार्यक्रम में आम लोगों की शिकायतें सुनेंगे और उनका निराकरण करेंगे। सरकार पहले भी उन योजनाओं में परिवर्तन करते आ रही है जो शिवराज सरकार ने चलाई थीं।  

मुख्यमंत्री कमलनाथ अब 'जन अधिकार' कार्यक्रम में आम लोगों की शिकायतें सुनेंगे और उनका निराकरण करेंगे। इसी महीने की नौ तारीख से जन अधिकार कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इसमें सीएम को प्राप्त होने वाली शिकायतें, सीएम हेल्पलाइन और जनशिकायत प्रकोष्ठ में से कुछ शिकायतें चयनित की जाएंगी। हर महीने के दूसरे मंगलवार की शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जन अधिकार कार्यक्रम होगा।

माह के दुसरे मंगलवार को सीएम करेंगे संवाद

सीएम के जन अधिकार कार्यक्रम में कलेक्टर-एसपी सहित जिला स्तर के सभी अधिकारियों का मौजूद रहना अनिवार्य किया गया है।  इसमें माह के दूसरे मंगलवार को शाम 5 से 6 बजे के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अफसरों से सीधी बात करेंगे। मंगलवार को अवकाश होने पर यह अगले दिन होगी। सीएम की समीक्षा में सुनवाई में कलेक्टर, एसपी, जिला स्तर के अधिकारी, संभाग स्तर पर कमिश्नर, आईजी व अन्य अफसर तथा राज्य स्तर पर अपर सचिव, पीएस, विभागाध्यक्ष आदि शामिल होंगे। कांफ्रेंसिंग में ग्रेडिंग पैरामीटर के आधार पर होगी। हल शिकायतों की जानकारी संबंधित अधिकारी विभाग की वेबसाइट पर सुबह 10 से 12 बज के बीच अपलोड कर दी जाएगी।

लोगों की संतुष्टि तक शिकायत बंद नहीं की जायेगी

बता दें कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण से सीएम संतुष्ट नहीं हैं। सचिवालय ने कहा कि शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निराकरण में अभी भी सुधार की जरूरत है। कलेक्टर-एसपी से कहा गया है कि जब तक नागरिक शिकायत पर कार्रवाई से संतुष्ट न हो, तब तक शिकायत बंद न की जाए। लंबे समय से जिन शिकायतों का समाधान नहीं हो पाया है, ऐसी शिकायतों की संख्या में कमी लाई जाए। शिकायतें बिना निराकरण के उच्च स्तर पर प्रेषित न की जाएं।  चिह्नित शिकायतों से संबंधित व्यक्तियों को सीएम कार्यालय द्वारा सूचित किया जाएगा। वे व्यक्ति उस दिन संबंधित जिले के कलेक्टर के साथ वीसी में शामिल होंगे। जिससे सीएम सीधा संवाद कर सकें।

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