संविदाकर्मियों के नियमितीकरण पर मंथन, अगली बैठक में हो सकता है फैसला

भोपाल
संविदा कर्मचारी, रोजगार सहायकों और अतिथि शिक्षकों को नियमित करने सहित अन्य मांगों को पूरा किये जाने के लिए बुधवार को मंत्रालय में कैबिनेट सब कमिटी की बैठक हुई|  सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में कर्मचारी कल्याण के लिये गठित मंत्रि-परिषद समिति की बैठक में अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों और अन्य संविदाकर्मी संगठनों से प्राप्त अभ्यावेदन और माँगों पर विचार-विमर्श किया गया। कर्मचारियों की मांगों का परीक्षण के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करेगी।

कैबिनेट सब कमिटी ने निर्णय लिया कि अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति विभिन्न कर्मचारी संगठनों से प्राप्त सभी ज्ञापन, माँग-पत्र और अभ्यावेदन का परीक्षण कर दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। मंत्रि-परिषद की अगली बैठक में समिति की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के बाद कर्मचारी हितैषी निर्णय लिये जायेंगे। बैठक में तय हुआ कि जिन मांगों को पूरा करने में वित्तीय भार नहीं आ रहा है, उन्हें पहले पूरा करना चाहिए| नियमितीकरण की प्रक्रिया क्या है है इस पर भी मंथन चल रहा है| इसका क्राइटेरिया क्या हो इस सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए| अगली बैठक में संगठनों के जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है|

मध्य प्रदेश में लम्बे समय से संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं| पिछली सरकार के सामने भी इन्होने आंदोलन, प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सरकार ने नरमी दिखाई, लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार से संविदाकर्मियों को उम्मीद है|  विधानसभा चुनाव में कमलनाथ सरकार ने इस मुद्दे को अपने चुनावी वचन पत्र में शामिल किया था| वचन पत्र में कांग्रेस ने रोजगार सहायक, अतिथि शिक्षक एवं समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और जिन संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है, उन्हे पुन: नौकरी में वापस रखने की घोषणा की थी|  सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले तीन मंत्री, गोविंद सिंह, डॉ. प्रभुराम चौधरी व तरुण भनोट के निर्देशन में एक कमेटी बना दी थी। इस कमेटी को 90 दिन में मांगों के संबंध में प्रतिवेदन सौंपना था। लेकिन अब तक यह अटका हुआ है, जिससे इन कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है| तीन माह में इस कमिटी की बैठक ही नहीं हुई| चार माह बाद अब बैठक हुई है और अब अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति  कर्मचारियों की मांगों का परीक्षण करेगी|

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