मप्र मठ-मंदिर सलाहकार समिति के नए अध्यक्ष स्वामी सुबुद्धानंद ने ग्रहण किया पदभार

भोपाल
 मध्यप्रदेश सरकार के गठित मठ मंदिर सलाहकार कमेटी के नए अध्यक्ष स्वामी सुबुद्धानंद ने आज मंगलवार को मंत्रालय  में अपना पदभार ग्रहण कर लिया। उन्हें धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा ने पदभार ग्रहण कराया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मंत्री जयवर्धन सिंह भी मौजूद रहे।बता दे किसुबुद्धानंद महाराज ज्योतिषपीठ एवं शारदा-द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के परम शिष्य है, जिन्हें चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने मठ-मंदिर सलाहकार समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था।

पदभार ग्रहण करने के बाद महाराज ने कहा कि वचन पत्र को प्रणाम करते हुए बधाई देता हूं। यह महत्वपूर्ण कमेटी है, इसके माध्यम से मंदिरों का सरक्षण होगा। इसमें 11 सदस्य होंगे, एक सचिव होगा और मंदिरों की जानकरी रहेगी। कमेटी की बैठक साल में एक बार होगी।उन्होने कहा कि समय अनुसार बैठक कम या ज्यादा होगी। कमेटी के माध्यम से संस्कृति की रक्षा होगी। 21 हजार पुजारियों का मानदेय बढ़ा दिया गया है। 1 लाख मंदिर शासकीय जमीन पर हैं, उन्हें पट्टे दिए जाएंगे।  विभाग में नर्मदा ट्रस्ट की स्थापना की है और नर्मदा पथ का निर्माण होगा।

दिग्विजय सिंह ने सुबोधानन्द को बधाई दी और कहा कि मठ मंदिरों की व्यवस्था जमाने के लिए एक ऐसे व्यक्ति को चुना जिन्होंने अपना पूरा जीवन धर्म के लिए दिया है। मध्यप्रदेश के मठ  की जमीन विवाद को सुलझाकर और सरकारी जमीन को मंदिरों के आवंटित कराकर एक अच्छा प्रयास किया गया है।सिंह ने कहा कि  मठ मंदिर में जो भी सेवाएं होंगी वो तन मन से पूरी करेंगे।बहुत से ऐसे मंदिर है जहां पूजन नही हो रहै है वहां हम कोशिश करेंगे कि वहां रोजाना पूजा हो। जब भगवान की पूजा होती है तभी सुख शांति होती है।

वही जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मंदिरों का संरक्षण और विकास कर लिए मठ मंदिर समिति की स्थापना की है। इस समिति में 11 सदस्य होंगें और और समिति का कार्यकाल 6 साल का होगा । सुबोधानन्द महाराज के लिए एक सचिव नियुक्त किया जाएगा।समिति के द्वारा पूरे प्रदेश के मठ मंदिर का काम काज देखा जाएगा। समिति के द्वारा मंदिरों की जो भी अनुशंसाएं होगी उन्हें पूरा किया जाएगा।शर्मा ने कहा कि वचन पत्र के अनुसार 21 हज़ार पुजारियों का वेतन 3 गुना बढ़ाया गया है।1 लाख मंदिरों को पट्टा देकर समितियां बनेगी। सरकार ने नर्मदा ट्रस्ट की भी स्थापना की है। नर्मदा परिक्रमा के पथ को भी चिन्हित किया जाएगा। 200 किलोमीटर के राम पथ गमन पथ का भी निर्माण समिति के माध्यम से होगा।। मंदिरो और देवालयों को सक्षम बनाने के लिए आसपास की भूमि पर अगर कोई व्यापारिक कार्य हो सके तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी।

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