श्रद्धांजलि: दो बाइक वाला स्टंट देकर अमर हो गए वीरु देवगन, बेटे अजय देवगन के लिए किया था ये खास काम

 नई दिल्ली
 
अजय देवगन की पहली फिल्म ‘फूल और कांटे' (1991) का दो बाइक पर खड़ा होने वाला स्टंट तो आपको याद ही होगा? इस दृश्य को उनके पिता वीरू देवगन ने गढ़ा था, जो अब नहीं रहे। बॉलीवुड में बतौर स्टंट निर्देशक खास मुकाम बनाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और कई रातें खाली पेट भी गुजारीं।

अजय के लिए ‘जिगर' लिखी :

 वीरू आज भले स्टंट निर्देशक के रूप में याद किए जाएं, लेकिन उन्हें कई फिल्में बनाने का श्रेय भी जाता है। *बेटे अजय के लिए ‘जिगर' फिल्म उन्होंने ही लिखी थी जो 1992 में रिलीज हुई और सफल रही। 

अजय देवगन की पहली फिल्म ‘फूल और कांटे' (1991) का दो बाइक पर खड़े होने वाला यह स्टंट उनके पिता दिवंगत वीरू देवगन ने ही गढ़ा था। स्टंट निर्देशक को सार्वजनिक मंच पर आखिरी बार फरवरी में उस वक्त देखा गया था, जब वह बेटे की फिल्म ‘टोटल धमाल' की स्क्रीनिंग पर पहुंचे थे। उसके बाद से उनकी तबीयत नासाज चल रही थी।
 
14 साल की उम्र में गए जेल : 
वीरू पर 1957 में मुंबई जाकर हीरो बनने का जुनून इस कदर सिर चढ़ा कि घर (अमृतसर) से भागकर बिना टिकट फ्रंटियर मेल में चढ़ गए। हालांकि विरार रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए। बाद में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जुर्माना चुकाने के पैसे पास नहीं थे, इसलिए जेल भी जाना पड़ा। उस वक्त वह मात्र 14 साल के थे। उन्हें सप्ताहभर जेल में रहना पड़ा था।

वीरू मुंबई पहुंचने के बाद कोलीवाड़ा में रहने लगे। उस दौरान हीरो बनने के लिए काफी संघर्ष किया। औसत नैन-नक्श वाले वीरू को शुरुआत में फिल्में नहीं मिलीं। पैसा कमाने के लिए लोगों की गाड़ियां भी साफ कीं व बढ़ई का काम भी किया। बाद में फिल्मों में अभिनय किया लेकिन बतौर अभिनेता सफलता नहीं मिली। वीरू ने अजय को हीरो बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्हें कम उम्र से ही फिल्म निर्माण और स्टंट से जोड़ा। कॉलेज जाना शुरू करने पर उनके लिए डांस क्लास शुरू करवाईं। घर में जिम बनावाया। उन्हें घुड़सवारी सिखाई।

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