वंदे मातरम के बाद अब ‘मध्यप्रदेश गान’ पर विवाद, जल्द हटाया जाएगा

भोपाल
 मध्यप्रदेश में हाल ही में वंदेमातरम बंद करने पर हुए विवाद के बाद अब नया विवाद शुरू हो गया है। कमलनाथ सरकार ने भाजपा सरकार के समय शुरू किए गए 'मध्यप्रदेश गान' को बंद करने का ऐलान किया है। सरकार ने कहा है कि यह मध्यप्रदेश की गाथा नहीं भाजपा की गाथा थी।

मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले कांग्रेस सरकार ने हर माह की पहली तारीख को होने वाले वंदे मातरम को नए स्वरूप में लागू करने की बात कही। इसके बाद अब भाजपा सरकार के काल में शुरू हुए मध्यप्रदेश गान को भी बंद करने का ऐलान कर दिया।

शर्मा बोले- यह बंद किया जाएगा मध्यप्रदेश गान

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में मध्यप्रदेश के कानून एवं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश गान को बंद किया जाएगा। क्योंकि इसमें प्रदेश की नहीं भाजपा सरकार की गाथा है।

मंत्री राजपूत ने दी हवा
इससे पहले सागर में मध्यप्रदेश के राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने एक टिप्पणी करके इस मामले को हवा दे दी। राजपूत ने मध्यप्रदेश गान में व्यक्ति विशेष को महिमा मंडित करने के आरोप लगाते हुए कहा कि इसे गौर से सुनने पर इसमें शिव की महिमा मतलब शिवराज सिंह चौहान को महिमा मंडित किया गया है, जो गलत है इसे बदलना चाहिए।
 
भाजपा का पलटवार
इधर, वंदेमातरम के बाद मध्यप्रदेश गान को बंद करने के मुद्दे पर भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। सारंग ने कहा है कि मध्यप्रदेश की जनता ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत भी नहीं दिया है। कांग्रेस के मंत्री अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जो गलत है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश गान सुख का दाता सबका साथी शुभ का यह संदेश है। इसके रचयिता वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव हैं। इस गान को पार्श्व गायक शसान ने गाया है। इसे सुनील झा ने लयबद्ध किया है। पहली बार यह 2010 में गाया गया था। भाजपा सरकार ने इसे लागू किया था और हर शासकीय कार्यक्रमों में इसे गाया जाना अनिवार्य किया था। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि इससे मध्यप्रदेश के प्रति अपनत्व का भाव उत्पन्न होगा।

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