लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा ने यूपी में इन 8 महिलाओं पर लगाया बड़ा दांव

 
लखनऊ

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी पाटियां अपने विपक्षी पार्टियों के खिलाफ रणनीति बनाने में जुट गई हैं। हमेशा की तरह इस बार भी देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चाएं हैं क्योंकि प्रधानमंत्री बनने का रास्ता इसी प्रदेश से होकर जाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 80 सीट में से 73 सीट पर अप्रत्याशित जीत दर्ज की थी। इस बार भी बीजेपी ने 80 सीट में से 74 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए उसने तैयारियां भी तेज कर दी हैं।

देश की आधी आबादी महिलाओं की है। ऐसे में बिना उनको साथ लिए किसी भी चुनाव को जीतना संभव नहीं है। महिलाओं को अपने तरफ आकर्षित करने के लिए बीजेपी ने कई मशहूर अभिनेत्रियों के साथ दिग्गज नेत्रियों को उम्मीदवार बनाया है। जिनमें मेनका गांधी, रीता बहुगुणा जोशी, रेखा वर्मा, संघमित्रा मौर्य, निरंजन ज्योति, हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी और जया प्रदा समेत आठ महिलाओं का नाम शामिल है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के लिए गठबंधन के घटक अपना दल को मिर्जापुर सीट पहले ही दे दी है। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के मुकाबले बीजेपी ने अपने इन आठ महिलाओं पर बड़ा दांव लगाया है। 
 
1.मेनका गांधी 
केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भारत की प्रसिद्ध राजनेत्री एवं पशु-अधिकारवादी हैं। पूर्व में वे पत्रकार भी रह चुकी हैं। किन्तु भारत की महिला प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र स्वर्गीय संजय गांधी की पत्नी के रूप में वे अधिक विख्यात हैं। उन्होंने अनेकों पुस्तकों की रचना की है तथा उनके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्राय: आते रहते हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से मेनका सुलतानपुर सीट से उम्मीदवार घोषित हैं। बेटे वरुण गांधी की सीट को बदलकर उन्हें उतारा गया है। बेटे की सीट को बचाने की उनके पास बड़ी जिम्मेदारी है। 
 
2.स्मृति ईरानी
वर्तमान में स्मृति ईरानी मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री हैं। बीजेपी ने उन्हें एक बार फिर कांग्रेस के गढ़ अमेठी से लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है। स्मृति का राजनीतिक जीवन वर्ष 2003 में शुरू हुआ जब उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की और दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि वे कांग्रेस के उम्मीदवार कपिल सिब्बल से हार गईं। 2014 के चुनाव में स्मृति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी चुनौती दी। यद्यपि वे यह भी चुनाव हार गईं, लेकिन राज्यसभा की सदस्य होने के नाते उन्हें भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया।
 
3.साध्वी निरंजन ज्योति
साध्वी निरंजन ज्योति वर्तमान में फतेहपुर से लोकसभा सांसद हैं। साध्वी निरंजन ज्योति निषाद समुदाय से आती हैं और यूपी में भगवा ब्रिगेड का चेहरा मानी जाती हैं। उनकी छवि तेज-तर्रार और बेबाक नेत्री की रही है। वह अक्सर विपक्ष पर जोरदार हमले करती हैं। इस बार भी पार्टी ने उनपर भरोसा जताते हुए उम्मीदवार घोषित किया है। सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन प्रत्याशी से मिल रही कड़ी टक्कर उनके सामने बड़ी चुनौती है। 
 
4.हेमा मालिनी 
'ड्रीम गर्ल' के नाम से मशहूर हेमा मालिनी पहली बार मथुरा से 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं थीं। इस दौरान उन्होंने रालोद प्रत्याशी जयंत चौधरी को हराकर इस सीट पर अपने कदम जमाए थे। वहीं बीजेपी ने हेमा मालिनी पर विश्वास कायम रखते हुए उन्हें एक बार फिर इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। 2019 के चुनाव में हेमा मालिनी का मुकाबला रालोद प्रत्याशी नरेंद्र सिंह से होगा। इस बार रालोद, सपा-बसपा गठबंधन का हिस्सा है। जिसके चलते दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या हेमा मालिनी बीजेपी की उम्मीद पर खरी उतरती हैं या सपा-बसपा के सहयोग से रालोद इस सीट पर बाजी मारने में कामयाब रहती है। 
 
5.रीता बहुगुणा जोशी
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश सरकार में मातृत्व एवं बाल कल्याण मंत्री हैं। जिन्हें बीजेपी ने प्रयागराज से उम्मीदवार घोषित किया है। लखनऊ कैंट से विधायक डॉ. रीता प्रयागराज में पली-बढ़ी हैं। इनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र एवं बारा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह इलाहाबाद के विकास पुरुष के रूप में विख्यात थे, उन्हें लोग 'बाबू जी' पुकारते थे। डॉ. रीता शहर की महापौर रह चुकी हैं। आम जनता में वह 'दीदी' के रूप में जानी जाती हैं। 2019 के कुंभ मेला में उन्होंने पर्यटन मंत्री के रूप में बेहतर काम करके हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। अब इनके जिम्मे भाजपा का गढ़ बचाने की अहम जिम्मेदारी है।
 
6.रेखा वर्मा
सांसद रेखा वर्मा ने वर्ष 2014 में अपने पति अरूण वर्मा के देहावसान के बाद राजनीति में कदम रखा, और पहली बार में ही देश की सबसे बड़ी पंचायत का सदस्य बनने का गौरव हासिल किया। लोकसभा में वह 51 बहसों में शामिल हुईं और करीब दो सौ सवाल भी पूछे। रेखा वर्मा ने 2014 के आम चुनाव में धौरहरा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उन्हें 360357 वोट मिले और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के दाउद को हराया। इस बार भी बीजेपी ने उनपर विश्वास जताया है।
 
7.जयाप्रदा
‘मुझे नौलखा मंगवा दे रे…गाने से पर्दे पर आग लगाने वाली मशहूर अदाकारा जयाप्रदा ने तेलगू देशम पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। 

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