18 सालों में नक्सलियों ने किए 9 हजार से अधिक अपराध

दांतेवाड़ा 
मध्यप्रदेश से साल 2000 में अलग होने के बाद खजिन संपदाओं के साथ छत्तीसगढ़ को जो विरासत में मिला, उसमें नक्सल समस्या भी शामिल है. देश में नक्सल हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में छत्तीसगढ़ है. 6 अप्रैल 2010 दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में सीआरपीएफ पर अब तक का सबसे बड़ा हमला छत्तीसगढ़ में ही किया गया था. इस हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे. 25 मई 2013 को किसी भी राजनीतिक दल पर सबसे बड़ा नक्सली हमला भी छत्तीसगढ़ में किया गया था. इस दिन कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर बस्तर के दरभा के जीरमघाटी में नक्सलियों ने हमला कर दिया था. प्रदेश कांग्रेस के आला नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा समेत 29 लोगों की हत्या इस घटना में की गई थी.

ऐसी तमाम बड़ी वारदातें हैं, जिन्हें नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में अंजाम दिया है. नक्सली वारदातों को लेकर पुलिस के आंकड़े भी हैरान करने वाले हैं. जनवरी 2001 से दिसंबर 2018 के बीच नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ की धरती पर 9 हजार 96 अपराधों को अंजाम दिया है. जबकि जनवरी 2019 से 15 मई 2019 तक कुल करीब 80 अपराधों को नक्सलियों ने अंजाम दिया है. सबसे ज्यादा मामले हत्या के प्रयास के दर्ज किये गए हैं.

छत्तीसगढ़ पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2001 से दिसंबर 2018 के बीच नक्सलियों ने हत्या के 1 हजार 801, हत्या के प्रयास के 3 हजार 704, डकैती के 744, लूट के 96, आगजनी के 717 वारदातों के लिए नक्सलियों पर अपराध दर्ज किए गए. इसके अलावा इस दरमियान नक्सलियों ने मारपीट के 90, बलात्कार के 10, अपहरण के 159 व अन्य अपराध मसलन धमकी देना, डराना जैसे 1 हजार 775 आपराधिक प्रकरण नक्सलियों पर दर्ज किए गए हैं. जनवरी 2019 से अब तक प्रदेश में नक्सलियों पर हत्या के 24 और हत्या के प्रयास के 32 मामले अलग अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं.

छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी पी संदुराज कहते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बल के जवानों को लगातार कामयाबी मिल रही है. 2019 में अब तक अलग अलग मुठभेड़ों में पुलिस ने 26 नक्सलियों को मार गिराया है. फोर्स का दबाव लगातार नक्सलियों पर बढ़ रहा है. इस समस्या के खिलाफ लगातार सफल हो रहे हैं.

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