रुपए अभाव इलाज न करे पाने पर बच्चों सहित आत्महत्या करने वाली महिला पर राज्यपाल पटेल ने जताई चिंता 

भोपाल 
राज्यपाल आंनदी बेन पटेल ने गत दिवस बेटे की बीमारी की वजह से आत्महत्या करने वाली महिला की मौत पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आयुष्मान जैसी योजना चलने के बावजूद महिला को दो बच्चों सहित आत्महत्या कर्णक पड़ी ये दुखद है। पैसे के अभाव में किसी मरीज को इलाज न मिलने से किसी को आत्महत्या न करनी पड़े। इसके लिए अस्पतालों में प्रयास होने चाहिए। 

राज्यपाल पटेल एम्स भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य नेत्र चिकित्सक सम्मेलन में बोल रही थीं। इस मौके पर एम्स के डायरेक्टर प्रो सरमन सिंह,एमपी स्टेट आॅप्थलमिक सोसायटी के चेयरमैन डॉ एस के पारवानी, एम्स दिल्ली के डॉक्टर पदमश्री जे एस टिटियाल,डॉ भावना शर्मा,डॉ संदीप चौरसिया विशेष रूप से उपस्थित थे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि देश मे अंधत्व के प्रमुख कारणों में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, सुगर की वजह से अंधत्व के रोगी बढ़ रहे हैं । 

देश मे प्रतिवर्ष 20 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है, लेकिन महज 80 हजार लोग ही नेत्रदान करते हैं। देश मे जरूरत के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं है। बीमारी की हालत में गांवों से लोग शहर की ओर भागते हैं। शहरों में अप्रशिक्षित डॉक्टर्स द्वारा उन्हें इलाज के नाम पर ठगा जाता है। गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के बजाय शहरों में प्रायवेट नर्सिंग होम अस्पताल खुल रहे हैं, जिनमे प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। ये हालत चिंताजनक है। कार्यशाला में एक सैकड़ा नेत्र चिकित्सक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के पहले केटरेक्ट और कॉर्निया के आॅपरेशन को दिखाया गया। जानकारी के मुताबिक गत दिनों एक महिला ने बड़े तलाब में अपने दोनों बच्चों से साथ छलांग लगा दी थी। उनके डूबने से तीनों की तौम हो गई थी। 

निदेशक प्रो. सरमन सिंह ने कहा कि एम्स का नेत्ररोग विभाग अपने क्षेत्र में अग्रणी रूप से कार्य कर रहा है। विभाग में मोतियाबिंद, ग्लॉकोमा, रेटिनल सर्जरी के साथ-साथ कार्निया प्रत्यारोपण भी प्रांरभ कर दिया गया है। सम्मेलन में लाईव सर्जरी के द्वारा केटरेक्ट सर्जरी, फेकोेइमलसीफिकेषन एंव नेत्र प्रत्यारोपण का आधुनिकतम तकनीकी तरीकों से आॅपरेशन किया गया, जिसमे एम्स नई दिल्ली के डॉ. जेएस टिटियाल द्वारा आधुनिकतम तरीके से केरोटोप्लास्टी और फैकोइमल्सीफिकेषन सर्जरी की गई है। एम्स एवं प्रदेश से आये हुये चिकित्सकों के लिए एक विषेष उपलब्धि है। 

इंदौर के डॉ. राजीव चैधरी एवं जबलपुर के डॉ. पवन स्थापक ने कारनिया का जटिल आप्रेषन कर प्रशिक्षुओ को प्रषिक्षण दिया। कार्यक्रम में देश के 150 नेत्र चिकित्सको ने भाग लिया। सम्मेलन में डॉ. मनीषा श्रीवास्तव चिकित्सा अधीक्षक, प्रो. राजेश मलिक, प्रो. नीलकमल कपूर, प्रो. सुधीर कुमार गोयल, संतोष सोहगौरा उपनिदेशक प्रशासन, कमांडेन्ट पीके मिश्रा, वित्तीय सलाहकार डॉ शशांक पुरवार, श्रीमती सौम्या एनी त्रिपाठी, नागेन्द्र सारस्वत, बेनी अब्राहम, गौरव द्विवेदी एवं विशाल कुमार गुप्ता समेत कई विभागाध्यक्ष एवं प्रतिभागी विशेष रूप से मौजूद थे। 

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