मेजर जनरल स्तर की फिर हुई बातचीत, चीनी सैनिकों की तैनाती रहने तक नहीं मानेगा भारत

 
नई दिल्ली 

लद्दाख में LAC पर तनाव को लेकर भारत और चीन के मेजर जनरल रैंक के सेना के अफसरों ने बुधवार को बातचीत की. ये बातचीत सकारात्मक बताई जा रही है. लेकिन भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, LAC पर चीनी सैनिकों की तैनाती जारी रहने तक बात नहीं बनने वाली.

सूत्रों ने  कहा कि भारी सैन्य साजो-सामान, टैंक और लड़ाकू विमानों के बेड़े के साथ 10 हजार चीनी सैनिकों की तैनाती भारत की चिंता की वजह है. वैसे तो मंगलवार को गलवान नदी घाटी के 2 प्वाइंट और भारत के गोगरा पोस्ट के पास हॉट स्प्रिंग इलाके से चीन ने अपने लगभग 20 प्रतिशत सैनिकों को करीब 3 किलोमीटर तक पीछे हटाया है. लेकिन भारत-चीन की मौजूदा तनातनी वाले चौथे प्वाइंट, पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे से चीन बिल्कुल पीछे नहीं हटा है. इसी जगह पर 5 मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग झील के फिंगर 4 इलाके में चीनी सेना बड़ी तादाद में मौजूद है और उनके सामने उतनी ही तादाद में भारतीय सैनिक मोर्चा संभाले हुए हैं. LAC पर से चीनी सैनिक जब तक पूरी तरह नहीं हटते, भारत भी अपनी फौज पीछे नहीं करेगा.
 
6 जून को भी हुई थी बात
बीते 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चीन के मेजर जनरल लियु लिन से मोल्डो में बात की थी. जो LAC में चीनी हिस्से में है. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ एक लंबी बैठक की थी, जिसमें मौजूदा स्थिति के बारे में मंथन हुआ. बैठक में रक्षा मंत्री को बताया गया कि चीन की ओर से बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सैन्य मौजूदगी की गई है, इसके अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच जो बात हुई उस पर मंथन किया गया. सूत्रों की मानें, तो रक्षा मंत्री को इस बात की जानकारी दी गई कि सेना की ओर से अभी भी बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा, ताकि एक महीने से जारी इस विवाद को सुलझाया जा सके.

 

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