मूक-बधिर युवतियों से दुष्कर्म में 9 लोगों को सजा, 4 साल बाद मिला इंसाफ

 
देहरादून 

उत्तराखंड के देहरादून के चर्चित नारी निकेतन दुष्कर्म और गर्भपात के मामले में अदालत ने सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है. मामले में कोर्ट ने दोषियों को सजा सुना दी है. इस मामले में अदालत ने 5 महिलाओं सहित 9 लोगों को सात 7 से 2 साल तक की कैद की सजा सुनाई है.

उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में भूचाल लाने वाले इस मामले में लगातार पक्ष और विपक्ष आमने-सामने रहे. कई लोगों ने जांच को भी प्रभावित करने के लिए कोशिश की. हालांकि, पुलिस अपना काम करती रही और मामला जांच के बाद कोर्ट तक पहुंचा.

इस मामले में मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं, हाशिम और ललित बिष्ट को 5-5 साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

वहीं शमा निगार, चंद्रकला, किरण और अनिता मैंदोला को 4-4 साल की कैद 10-10 हजार जुर्माना, मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्णकांत को 2- 2 साल की सजा और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं दो अन्य को जमानत मिल गई है.

इस पूरे मामले में 23 लोगों की गवाही के बाद आखिरकार संवासनियों को इंसाफ मिल गया. शुरुआती जांच में साक्ष्य के तौर पर पुलिस के पास फैक्ट्स थे. 4 साल तक चली जांच के बाद आखिरकार संवासनियों से दुष्कर्म और गर्भपात कराने में 9 लोगों को अदालत ने दोषी पाया.

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