मिशन सीक्रेट रखने के लिए IT अफसरों ने किराए पर ली थीं गाड़ियां

इंदौर / भोपाल 
मध्य प्रदेश में सीएम कमलाथ के करीबियों पर आयकर विभाग के ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई से सियासी पारा चढ़ गया है. आयकर विभाग के अधिकारियों ने बेहद गोपनीय तरीके से इस रेड को अंजाम दिया. फिल्मी स्टाईल में आईटी अफसरों ने इंदौर के अलग-अलग ऑपरेटरों से किराए पर टूरिस्ट टैक्सियां ली थीं. बाद में इन्हीं गाड़ियों से वे छापेमारी करने पहुंचे. इस इनकम टैक्स रेड का खांका  इस तरह बुना गया था कि सीेएम कमलनाथ को भी इसकी भनक दो घंटे बाद लगी. आयकर विभाग के इस छापे में करीब 300 अफसरों- कर्मचारियों ने अपनी भूमिका निभाई. जिन्हें सीआरपीएफ के करीब 300 जवानों और अफसरों वाली टीम सुरक्षा प्रदान किया.

रेड से पहले किसी को कानोकान खबर नहीं हुई. आयकर अधिकारियों ने आम आदमी की तरह टूर ऑपरेटरों से संपर्क साधा और दर्जनों गाड़ियां किराए पर लीं. इस दौरान टूर ऑपरेटरों को भनक भी नहीं लगी कि उसकी गाड़ियां कौन किराए पर ले रहा है. टूर ऑपरेटरों के होश उस वक्त उड़े जब गाड़ी ड्राइवरों ने फोन कर बताया कि उन्हें छापेमारी के लिए लाया गया है.

दिल्ली से आए इनकम टैक्स के अधिकारी राजधानी भोपाल में छापेमार कार्रवाई से पहले टूरिस्ट बनकर शहर में घूमते रहे.  अधिकारियों ने ऐसा इसलिए किया ताकी लोकल इंटेलिजेंस को छापे की भनक न लगे.

बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के दिल्ली, इंदौर और भोपाल स्थित आवास पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है. आईटी विभाग ने सीएम के भांजे रातुल पुरी, सलाहकार आरके मिगलानी, कक्कड़ के करीबी प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा के करीब 50 ठिकानों पर रेड डाली गई है. इस दौरान कार्रवाई में करीब 281 करोड़ मिलने का अनुमान है.

जानकारी के मुताबिक इस छापे की तैयारी पिछले 15 दिन से चल रही थी. इस दौरान कई अधिकारी दिल्ली से इंदौर आए और संदिग्धों पर नजर बनाए रखी. जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने पूरी इनपुट जुटा ली तब 'स्पेशल 26' की तर्ज पर इस कार्रावाई का फुल प्रुफ प्लान बनाया और इसे अंजाम दिया.

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