भाजपा नेता हितेश वाजपेयी के साथ राजधानी मे गुंडागर्दी

भोपाल
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भाजपा नेता और मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष हितेश वाजपेयी से गुंडागर्दी का मामला सामने आया है।बताया जा रहा है कि बीती रात भाजपा नेता के साथ पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली करने की कोशिश की गई थी। खुद भाजना नेता ने इस बात का खुलासा किया है। उनका कहना है कि प्रदेश में ऐसा गुंडाराज हम भूल ही चुके थे।लेकिन बीती रात हुई घटना के बाद ऐसा लग रहा है कि ठेलों से अवैध वसूली, अवैध पार्किंग वसूली जैसे गिरोह फिर शहर में छा गए हैं। वही उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा है कि कमलनाथ जी आपके विधायक क्या हमें अब जीने नहीं देंगे।

दरअसल, मामला शुक्रवार देर रात एमपी नगर के प्रेस कॉम्प्लेक्स एरिया का है।जैसा कि हितेश वाजपेयी ने बताया कि   जब मैं प्रेस काम्प्लेक्स में एक मीडिया हाउस से निकल रहा था तभी अचानक एक "गुंडा" मेरी कार की खिड़की पर खड़ा हो गया। बोला बीस रुपये दो ।मैनें पूछा भाई क्यों ? तो वह बोला साहब इतनी देर से आपकी गाड़ी की देखभाल कर रहा हूँ। मैनें पूछा भाई यहाँ तो कोई पार्किंग शुल्क लगता नहीं…यह प्रेस एरिया है। निजी एरिया है। यहाँ का पार्किंग ठेका होता ही नहीं है।निर्धारित पार्किंग-शुल्क वाली पार्किंग आगे मनोहर के सामने और व्यावसायिक क्षेत्र में है। आपका ठेका किस बोर्ड पर लिखा है ? 

तब वह अचानक दादागिरी पर उतर आया ।बोला हम साहब दिन भर मेहनत करते हैं। थोडा मेरे संघर्ष को देखकर वह नरम पड़ा।मैनें फिर पूछा किस के कहने पर ये अवैध वसूली कर रहे हो भाई तो वह बोला हम हम "तारिक भाई" के आदमी हैं ।वह बोला,आपको कम से कम 10 रुपये तो देना ही होंगे ।तारिक भाई विधायक जी के ख़ास आदमी हैं। फिर वो गाडी के सामने आकर खड़ा हो गया….अब तक मेरे अन्दर का बागी भी जाग चूका था। मैंने पूछा तुम्हारा परिचय पत्र दिखाओ, बोर्ड और पार्किंग आवंटन बताओ। पर्ची पर पैसे नहीं लिखे हैं न ही कोई नंबर डाला है ???

कुछ जागरूक नागरिक और इकठ्ठे हो गए। उसने भी दो-तीन मुस्टंडे बुला लिए। लगा की आज मैं नहीं बचूंगा, पर भला हो उन नागरिकों का सब एकजुट खड़े हो गए। इसके बाद जब मैनें थाने बात की, तब पुलिस अधिकारी ने जब पूरा मुझे आपके विधायक का "काला-सच" बताया तब मैं आश्चर्यचकित रह गया। ये वही विधायक जी हैं जो मुख्यमंत्री को कहते हैं कि जेल डीजी बदल दो नही तो मै "निर्णय" लूंगा ! क्योंकि विधायक जी अपने मित्रोँ को मनचाहा "सामान" जेल मे देना चाहते हैं।

ऐसा गुंडाराज हम भूल ही चुके थे। ठेलों से अवैध वसूली, अवैध पार्किंग वसूली जैसे गिरोह फिर शहर में छा गए हैं। वह पुलिस अधिकारी बोले कि जो विधायक जेल के आतंकियों की चिंता करेगा वो क्या नहीं कर सकता ?उन अधिकारी ने फिर मुझे हिदायत भी दी कि आप इनसे मत उलझा करो । बीस रुपये में अपनी जान की रिस्क क्यों लेते हो ? ये सब गुण्डे हैं कुछ भी कर सकते हैं।समझ नहीं आया कि क्या कहूं …..

परन्तु घर आने पर पत्नी से इतना जरूर कहा कि यदि मैं कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो जाऊं तो सरकारी अस्पताल से निकाल लेना क्योंकि दिग्विजय/कमलनाथ/कांग्रेस के लोग अस्पताल में बिस्तर पर भी आकर मारते हैं। जब इस शहर में पार्षदों को पशुओं की तरह मारा जा सकता है तो आप समझ सकते हैं कि आम आदमी का क्या हाल होगा । पर कमलनाथ जी सोचिये कि कहीं ये बढ़ता अपराध "मध्य-विधानसभा" का जेल से राजधानी संचालित न करने लगे। सभी मध्यमवर्गीय आपसे घबरा रहे हैं महाराज ।हम तो घर फूंक कर निकालें हैं पर यदि हमें कुछ हुआ तो इश्वर आपको कभी माफ़ नहीं करेगा महाराज ।अभी तक इस मामले में किसी भी कांग्रेस नेता का बयान सामने नही आया है।

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