बारिश के बाद उफान पर नदी-नाले, मनाली-कुल्लू हाईवे क्षतिग्रस्त

 
नई दिल्ली   
 
हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं. भारी बारिश के कारण मनाली और कुल्लू के बीच नेशनल हाईवे-3 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. इसके अलावा कालका-शिमला नेशनल हाईवे-22 पर पहाड़ दरकने का सिलसिला अभी-भी जारी है. पिछले कई घंटों से हो रही बारिश के चलते रविवार को सोलन के जाबली में पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा उस समय दरककर हाईवे पर आ गिरा, जब हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही चल रही थी.
 
भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में रविवार को तीन बच्चों सहित 18 लोगों की मौत हो गई. शिमला में भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि रविवार को हुई बारिश बीते 70 सालों में 24 घंटे के दौरान दर्ज की गई सबसे ज्यादा बारिश है. एक अधिकारी ने कहा कि लगातार बारिश की वजह भूस्खलन, सड़कों के संपर्क मार्ग के कटने से सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. बारिश की वजह से बिजली परियोजनाओं को बंद करना पड़ा और बांध का पानी छोड़ना पड़ा.

उफनती ब्यास नदी के किनारे बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलनों के कारण मंडी और कुल्लू शहरों के बीच चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है. मंडी-जोगिंदरनगर राजमार्ग को भी यातायात के लिए बंद किया गया है. राज्यभर में 68 सड़कों पर यातायात बाधित है और चंबा जिले में सबसे अधिक 47 सड़कें बाधित हैं. बाढ़ के कारण कुल्लू शहर के पास एक पुल बह गया.

आईएमडी ने कहा कि पूरे राज्य में 102.5 मिलीमीटर बारिश हुई है और यह एक दिन की सामान्य बारिश से 1,065 से ज्यादा है. इसमें कहा गया कि सभी जिलों में पर्याप्त बारिश हुई है. सबसे ज्यादा बारिश बिलासपुर जिले में 252 मिलीमीटर दर्ज की गई है, जो सामान्य से 2586 फीसदी ज्यादा है. शिमला, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के अंदरूनी इलाकों में संपर्क मार्ग को बंद किए जाने की रिपोर्ट है, जिससे यातायात बाधित हुआ है.

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