कोरोना के चलते मिशन ‘गगनयान’ पर लगा ब्रेक

बेंगलुरु
कोरोना के चलते भारत के महत्वकांक्षी मिशन ‘गगनयान’ का मानव रहित ट्रायल अब इस साल उड़ान नहीं भर पाएगा। कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से इसकी तैयारियों पर असर पड़ा है। पहले इस साल अंतरिक्ष में जांच के तौर पर इसके ट्रायल की तैयारी थी। अब इस उड़ान के लिए भारत को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'वर्तमान परिस्थितियों के साथ, इस साल मानव रहित उड़ान संभव नहीं हो सकती है। हम लगभग पांच से छह मिशन की योजना बना रहे हैं, जिसमें GiSAT-1 भी शामिल है जिसका प्रक्षेपण इस साल की शुरुआत में स्थगित कर दिया गया था। मिशन का विवरण बाद में सार्वजनिक किया जाएगा।'

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहले बताया था कि वह गगनयान से पहले आजमाइश के तौर पर दो मानवरहित विमान भेजेंगे, जिसमें से एक दिसंबर 2020 में उड़ान भरने वाला है और दूसरा जुलाई 2021 में रवाना होगा। वहीं इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘कोविड-19 की वजह से कुछ बाधाएं आई हैं लेकिन अभी भी इसके उड़ान में देरी की पुष्टि नहीं की जा सकती है। हमारे पास छह महीने का समय है। हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हम वहां पहुंच सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘थोड़ा इधर-उधर (समय सारिणी में) हो सकता है लेकिन इसका भी पता तभी चलेगा जब हम पूरा मूल्यांकन करेंगे, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि जो टीम अभी इस परियोजना पर काम कर रही है उसने कुछ ऐसा संकेत नहीं दिया है।’ इसरो की योजना पहली उड़ान में मानव आकृति वाले ‘व्योमित्र’ को भेजना है।

अंतरिक्ष एजेंसी की योजना 2022 में 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘गगनयान’ को अंतरिक्ष में भेजने की है। देश 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाएगा। वहींभारतीय वायु सेना के चार पायलट मॉस्को में अभी प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं जो गगनयान परियोजना के संभावित उम्मीदवार हैं।

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