फ्रंटफुट पर खेल रही कांग्रेस बनी RJD का सिरदर्द, महागठबंधन पर संकट

पटना                
एनडीए ने तो अपने सीटों का फैसला बिना किसी विवाद के कर लिया है, लेकिन महागठबंधन के साथ ऐसा नहीं दिख रहा है. सीटों की संख्या को लेकर महागठबंधन में शामिल पार्टियां आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं.

कांग्रेस 11 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है और आरजेडी उसे 8 सीट से ज्यादा देना नहीं चाहती है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी को आरएलएसपी से अधिक सीटें चाहिए.

आरएलएसपी 5 सीटें चाहती है. वीआईपी जैसी पार्टियां भी दो-दो सीटें चाह रही हैं. ऐसे में आरजेडी के पास 15-16 से ज्यादा सीट नहीं बचेंगी. जबकि वो कम से कम 20 सीट पर लड़ना चाहती हैं.

आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट के जरिए इसको उजागर भी किया कि महागठबंधन में शामिल पार्टियां अहंकार छोड़ दें. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस बडी पार्टी है और वो इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो महागठबंधन में शामिल पार्टियां जेल में जाकर सीटों की तालमेल की बात क्यों कर रही हैं?

उपेन्द्र कुशवाहा कांग्रेस की तरफ से गठबंधन में शामिल हुए हैं. कांग्रेस पप्पू यादव और अनंत सिंह को भी एडजस्ट करना चाहती है, लेकिन आरजेडी को इन नामों से ऐतराज हैं. लालू यादव का कहना है कि कटिहार सीट को पिछले चुनाव में हमने एनसीपी को दी थी और अब तारिक अनवर एनसीपी में नहीं हैं, तो फिर वो कैसे मान कर चल रहे हैं कि वो कांग्रेस के टिकट पर वहां से चुनाव लडेंगे.

कांग्रेस ने आगे बढ़कर बिना विचार-विमर्श किए बिहार की 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. एनसीपी के नेता डीपी त्रिपाठी लालू यादव से मुलाकात कर वाम दलों को महागठबंधन में शामिल करने का सुझाव दिया है. ये तमाम विरोधाभाष महागठबंधन की गांठ को और उलझा रहे हैं. ऐसे में अब दो ही विकल्प सामने आ रहे हैं…..

1. आरजेडी कांग्रेस के लिए पांच सीटें छोड़कर बाकी सीटों का ऐलान कर सकती है. ये सीटें औरंगाबाद, सासाराम, समस्तीपुर, सुपौल और किशनगंज हैं. इनमें से सुपौल और किशनगंज सीटों पर पिछली बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.

2. कांग्रेस भी तैयार है कि अगर 11 सीटों पर बात नहीं बनती है, तो वह एक अलग गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ सकती है. जिसमें पप्पू यादव की पार्टी के साथ-साथ आरएलएसपी भी शामिल होगी. कांग्रेस की मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की भी बन रही हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फरवरी में कांग्रेस की जन आकांक्षा रैली में कहा था कि उनका गठबंधन आरजेडी के साथ लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में भी रहेगा. इस दौरान राहुल ने यह भी कहा था कि कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेलेगी यानी किसी तरह का समझौता नहीं करेगी. यही वजह है कि कांग्रेस सख्त रुख अपनाए हुए है, जबकि लालू यादव ने भी साफ कहा है कि वो ज्यादा कुर्बानी नहीं देंगे.

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