फेसबुक ने 69 हजार ऐप्स को किया सस्पेंड, यूजर्स की प्रिवेसी को था खतरा

फेसबुक ने यूजर्स के पर्सनल डेटा की चोरी करने वाले हजारों ऐप्स को सस्पेंड कर दिया है। फेसबुक का यह कदम कैंब्रिज ऐनालिटिका प्रकरण की जांच पर आधारित है। इस दौरान फेसबुक ने यूजर्स के डेटा लीक के बारे में कहा कि यह पहले लगाए गए अनुमान से काफी बड़ा है। कंपनी ने इशारों में बताया कि जितने यूजर्स के डेटा लीक का पहले अंदाजा लगाया गया था यह उसके मुकाबले काफी ज्यादा है।

400 डिवेलपर्स के ऐप बैन
फेसबुक ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि उसने मार्च 2018 में अपनी जांच शुरू की थी। इस जांच में पता चला है कि ब्रिटिश कंसल्टेंसी कैंब्रिज ऐनालिटिका ने बिना इजाजत फेसबुक यूजर्स के डेटा को ऐक्सेस करने के साथ ही उसका गलत इस्तेमाल भी किया है। इसका नतीजा यह हुआ कि फेसबुक ने अब 400 डिवेलपर्स से जुड़े दसियों हजार ऐप्स को सस्पेंड कर दिया है। यह संख्या पिछले साल अगस्त में फेसबुक द्वारा सस्पेंड किए गए 400 ऐप्स से काफी ज्यादा है।

69 हजार ऐप सस्पेंड
फेसबुक ने कितने ऐप्स को सस्पेंड किया है इसका पता कोर्ट फाइलिंग से चला जब शुक्रवार को उसे खोला गया। बॉस्टन की स्टेट कोर्ट में इस फाइलिंग को खोला गया। इसमें मौजूद डॉक्युमेंट में लिखा था कि फेसबुक ने 69 हजार ऐप्स को सस्पेंड कर दिया है।

10 हजार ऐप सबसे ज्यादा खतरनाक
इनमें से ज्यादातर वे ऐप हैं जिन्हें फेसबुक ने इसलिए बैन किया है क्योंकि ये जांच प्रक्रिया में फेसबुक का सहयोग नहीं कर रहे थे। वहीं, इसमें 10 हजार ऐसे ऐप्स भी हैं जिन्हें फेसबुक ने फ्लैग कर दिया है। फ्लैग करने का मतलब है कि ये 10 हजार ऐप यूजर्स के डेटा और प्रिवेसी के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं।

साल 2016 का है मामला
फेसबुक दुनिया का सबसे पसंदीदा सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म है। दुनियाभर में इसे 200 करोड़ से ज्यादा लोग यूज करते हैं। हालांकि, फेसबुक इन यूजर्स के डेटा को सेफ रखने में फेल हुआ है। कैंब्रिज ऐनालिटिका मामला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कैंब्रिज ऐनालिटिका ने डोनल्ड ट्रंप के चुनावी कैंपेन के लिए फेसबुक यूजर्स के डेटा को हैक कर वोटर प्रोफाइल बनाने का काम किया था।

 

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