नियमितीकरण का वादा नहीं निभाने से गई प्रदेश की कमलनाथ सरकार

 भोपाल
पिछले 100 दिन से जारी आंदोलन के बाद भी सरकार नहीं जागी। कई अतिथि विद्वान अनिश्चित भविष्य के तनाव को नहीं झेल पाए और उनकी असमय मौत हो गई। महिला अतिथि विद्वानों को सरकार के विरोध में अपना मुंडन तक करवाना पड़ गया। अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस द्वारा द्वारा वचनपत्र में अतिथि विद्वानों से नियमितीकरण का वादा करने के बाद भी इस मुद्दे पर हीला हवाली की जाती रही। इस प्रकार नियमितीकरण के मुद्दे पर कमलनाथ सरकार गिर गई। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मंसूर अली ने बताया कि नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 102 दिनों से शाहजहांनी पार्क में अतिथि विद्वान प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विदाई के मूल में अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का मुद्दा था। मोर्चा के संयोजक डॉ. सुरजीत भदौरिया ने बताया कि हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।

 

 

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