दिल्ली में बनेंगी 18 फास्ट ट्रैक कोर्ट, मिली मंजूरी

नई दिल्ली
दिल्ली कैबिनेट ने 22 नए कमर्शल कोर्ट बनाने के साथ दिल्ली में 18 परमानेंट फास्ट ट्रैक कोर्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में कमर्शल कोर्ट के लिए 212 पदों के लॉ डिपार्टमेंट के प्रस्ताव को मंजूर किया गया। साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में 90 पर्सेंट टेंपररी पोस्ट को भी परमानेंट पोस्ट बनाए जाने पर सहमति जताई गई।
दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि कैबिनेट के इन महत्वपूर्ण फैसलों से लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा हो सकेगा। कमर्शल कोर्ट में सुपर टाइम स्केल में 22 पोस्ट दिल्ली हायर जुडिशल सर्विसेज की होंगी, जो डिस्ट्रिक्ट जज लेवल की होंगी। इसके अलावा सीनियर जुडिशल असिस्टेंट (रीडर), स्टेनोग्राफर (सीनियर पर्सनल असिस्टेंट), पर्सनल असिस्टेंट, जुडिशल असिस्टेंट समेत कुल 212 पद होंगे। इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार को सालाना 13.55 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार को कमर्शल कोर्ट एक्ट 2015 के मुताबिक कमर्शल कोर्ट बनाने और डिस्ट्रिक्ट जज लेवल के 22 पद बनाने के बारे में कहा गया था। इसके बाद दिल्ली कैबिनेट ने यह फैसला लिया। लॉ डिपार्टमेंट ने 18 फास्ट ट्रैक कोर्ट में 90 पर्सेंट टेंपररी पोस्ट को परमानेंट करने का प्रस्ताव भी तैयार किया और कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। सरकार को इसके लिए सालाना 8.88 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। 18 पोस्ट अडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज लेवल की होंगी। इसके अलावा, रीडर की 20 पोस्ट, स्टेनोग्राफर की 20 पोस्ट समेत 86 दूसरी पोस्ट को मंजूरी दी गई है।

सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि 11वें वित्त आयोग ने लंबित मामलों के निपटारे के लिए अलग-अलग राज्यों में 1734 कोर्ट बनाने के लिए 502 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा था लेकिन इसमें दिल्ली में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का कोई प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया था। दिल्ली सरकार ने यह मामला केंद्रीय कानून मंत्रालय के सामने उठाया और उसके बाद केंद्र सरकार ने 2003-04 में नॉन प्लान ग्रांट के रूप में दिल्ली सरकार को 20 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए फंड जारी किया। 11वें वित्त आयोग का टर्म 2005 में खत्म हो गया और 12वें वित्त आयोग ने भी दिल्ली में फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए कोई फंड आवंटित नहीं किया। इसके चलते इन कोर्ट में टेंपररी पोस्ट थी।

 

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