स्पीकर के फैसले के खिलाफ 3 अयोग्य विधायक करेंगे सुप्रीम कोर्ट का रुख, मिलेगी राहत?

 
नई दिल्ली 

कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता खोने वाले तीन बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि गुरुवार को स्पीकर के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जारकिहोली और महेश कुमातहल्ली के साथ-साथ कर्नाटक प्रजाकीय जनता पार्टी के विधायक आर शंकर को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया था। ये विधायक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक यानी 2023 तक अयोग्य रहेंगे। 
 
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंस्पीकर के आर रमेश कुमार ने कहा था कि वह मानते हैं कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा और सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया और इसलिए उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की। हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बागियों के इस्तीफे पर फैसले के लिए स्पीकर को स्वतंत्र बताया था। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई के आदेश में कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष दल-बदल विरोधी कानून के अनुसार बागियों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसे में स्पीकर को चुनौती देने वाली अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर रहेगी। 

14 बागियों के इस्तीफे पर फैसला आना बाकी 
स्पीकर ने अभी बाकी बचे 14 बागियों के इस्तीफे पर भी कोई फैसला नहीं लिया है। दरअसल कर्नाटक के नवनियुक्त सीएम बीएस येदियुरप्पा को 29 जुलाई को विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास करना है। फिलहाल 3 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद असेंबली की स्ट्रेंथ अब भी 222 बनी हुई है। बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा को 112 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा। 

फिलहाल येदियुरप्पा के पास 106 विधायकों का समर्थन है और उन्हें 6 अन्य विधायकों को अपने पाले में खींचना होगा। ऐसे में जरूरी है कि बागी विधायक येदियुरप्पा की सरकार के समर्थन में या तो वोट डालें या फिर सदन की कार्यवाही में हिस्सा ना लें। ऐसे में सदन का संख्याबल कम हो जाएगा और येदियुरप्पा सदन में बहुमत साबित कर लेंगे। 

पिछले साल सिर्फ दो दिन मुख्यमंत्री रहे थे येदियुरप्पा 
बता दें कि पिछले साल मई महीने में आए कर्नाटक विधानसभा के नतीजों के बाद बीजेपी 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई 2018 को सीएम पद की शपथ ली और दावा किया कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। मगर 19 मई को बहुमत परीक्षण से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया। बहुमत ना मिलने पर बीजेपी की सरकार दो ही दिन में गिरने के बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर लिया और सरकार गठन के बाद जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *