दिमाग का पारा बढ़ा सकता है बढ़ता हुआ तापमान

ग्लोबल वार्मिंग के बारे में लोग कुछ भी कहें लेकिन हम सभी जानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग हमारे लिए बहुत खतरनाक है और यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया को खत्म कर रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा उदाहरण हमारे सामने यह है कि दुनिया भर में तापमान बढ़ा है। इस साल गर्मी की मार देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं। भारत में मई के पहले सप्ताह में 47 डिग्री तापमान पहुंच गया।

जैसा कि हम पहले से जानते हैं कि अधिक तापमान हमारी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। अधिक तापमान डिहाईड्रेशन और गर्मी में स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसके साथ ही अधिक तापमान के चलते कभी-कभी अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। जो लोग पहले से ही डायबीटीज और हार्ट की बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए बढ़ा हुआ तापमान और भी नुकसानदेह है। इस तरह बढ़ा हुआ तापमान आपके मूड और मेमोरी को प्रभावित कर सकता है।

गुस्सा बढ़ाता है- ये बात बिल्कुल सही है कि बढ़ा हुआ तापमान आपके गुस्से को बढ़ाता है। इसके अलावा इसके कारण आपके सामने भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है और समन्वय की कमी भी हो जाती है। बढ़ते तामपान के चलते रोडरेज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बढ़ते तापमान के कारण आपसी हिंसा में 4 फीसदी और घरेलु लड़ाई में 6 फीसदी की वृद्धि होती है।

मानसिक हालत को प्रभावित करता है- कई अध्ययन में पता चला है कि तापमान के बढ़ने से गर्मी के मौसम में मानसिक स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं। इसके चलते आत्महत्या के प्रयास के मामले सामने आते हैं। जो लोग मानसिक स्वास्थ्य के लिए दवा लेते हैं उनके लिए बढ़ते तापमान में अधिक खतरा रहता है।

मेमोरी पर असर करता है- यह देखा गया कि अधिक तापमान में पढ़ने वाले छात्रों की अपेक्षा सामान्य तापमान में पढ़ने वाले छात्रों की सीखने की क्षमता अधिक थी। इससे यह बात साबित होता है कि बढ़ा हुआ तापमान हमारे सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा यह हमारी मेमोरी पर असर करता है।

बढ़ते हुए तापमान के कारण होने वाली इन समस्याओं का कोई उचित समधान नहीं है लेकिन फिर भी इसके लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। जैसे अधिक से अधिक घर में रहें हैं और अपने आप को हाईड्रेट रखें।

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