कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया को मिला यहां से समर्थन

भोपाल
कांग्रेस अपने नए अध्यक्ष को लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं कर पाई है। शनिवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में असमंजस की स्थिति बनने पर एक बार फिर सोनिया गांधी को पार्टी की बागडोर सौंपी गई है। उन्हें अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कार्य समिति के सदस्यों ने चुना है। समिति द्वारा पार्टी के अध्यक्ष का चयन करने के लिए पांच टीम तैयार की थी। इन टीमों के सदस्यों को अलग अलग प्रदेशों के कांग्रेस नेताओं की राय लेकर नामों पर चर्चा करनी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किसी एक नाम पर राय नहीं बन सकी। इसलिए सोनिया गांधी का चयन किया गया है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी सामने आया है। उन्हें सिक्किम कांग्रेस का समर्थन मिलने का दावा किया गया है।

पार्टी अध्यक्ष की रेस में सिंधिया का नाम शुरू से शामिल बताया जा रहा था। वह युवा भी हैं और गांधी परिवार के काफी खास भी। लेकिन हाल ही में अनुच्छेद 370 पर दिए उनके बयान के बाद से समीकरण बदले नज़र आए हैं। उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। जिसके बाद कई तरह के मायने उनके बयान को लेकर निकाले गए। प्रदेश के कई बीजेपी नेताओं ने तो उनको पार्टी में आने का न्यौता तक दे दिया। वहीं, राजनीति के पंडितों का मानना है कि सिंधिया द्वारा दिए गए बयान के बाद उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद से बाहर माना जा रहा है। और उन्हें सिर्फ सिक्किम का ही समर्थन मिला है। ऐसी स्थिति में उनका नाम समिति के सामने पेश नहीं किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे महाराष्ट्र के युवा कांग्रेस नेता और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे मुकुल वासनिक का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। ऐसी भी खबर मिल रही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी परिवार के खास मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस रेस में आगे हैं। दोनों ही नामों पर विचार किया जा रहा है।

बता दें कि कुछ दिन पहले तक ज्योतिरादित्य सिंधिया को अध्यक्ष पद की दौर में सबसे आगे बताया जा रहा था, लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसी घटनाक्रम घटित हुए हैं, जिससे सिंधिया इस रेस में पिछड़ गए. कुछ नेताओं का मानना है कि सिंधिया पिछला लोकसभा चुनाव हारने बाद मध्यप्रदेश पर ज्यादा फोकस दे रहे हैं। दिल्ली के 27 सफदरजंग रोड के बंगले को छोड़ने के बाद सिंधिया की सक्रियता भोपाल में ज्यादा दिखाई दे रहा है।

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