आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी नई जानकारी आई सामने

शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से ब्रेस्ट कैंसर के पांच प्रकारों को अलग किया, इन्हें पहले एक ही टाइप माना जाता था। एनपीजे ब्रेस्ट कैंसर जर्नल में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, इस रिसर्च के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के जरिए ब्रेस्ट ट्यूमर के जीन सीक्वेंस व मॉलिक्यूलर डेटा को स्टडी किया गया। इससे कैंसर के प्रकारों के बारे में अहम जानकारी सामने आई।

रिसर्च में यह भी सामने आया कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए किए जाने वाले ट्रीटमेंट का किस टाइप पर कैसा असर होता है। इसमें पता चला कि पांच में से दो कैंसर टाइप पर इम्यूनोथैरपी का ज्यादा असर होता है, वहीं एक प्रकार पर टैमोक्सीफेन का इस्तेमाल उतना कारगार नहीं साबित होता है और कैंसर के फिर से होने की आशंका रहती है।
इस स्टडी को लीड करने वाले कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट, लंदन के शोधकर्ता के मुताबिक 'हमारी स्टडी ने साबित किया है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ब्रेस्ट कैंसर के उन पैटर्न को भी पहचान सकता है जिसे मनुष्य की नजरें नहीं पहचान पातीं। इससे कैंसर के ट्रीटमेंट के नए तरीके ढूंढने में मदद मिलेगी। इससे सबसे ज्यादा फायदा उन्हें होगा जिन पर ट्रडिशनल थैरपी असर नहीं दिखाती'।

रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशल-ट्रेन्ड कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े जेनेटिक्स, मॉलिक्यूलर, सेलुलर मेक-अप और पैशंट के सर्वाइवल रेट के डेटा को अप्लाई किया। इसके बाद इस ट्रेन्ड आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को टेस्ट किया गया, जिसमें कैंसर की पांच अलग तरह की बीमारियों व उसके पैटर्न से जुड़ी जानकारी सामने आई।

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह रिसर्च ब्रेस्ट कैंसर को लेकर पहले से मौजूद वर्गीकरण को चैलेंज नहीं करती है, बल्कि यह उन्हीं सब-डिविजन में नए तरह के अंतर को सामने लाती है, जिससे यह पहचानने में और आसानी होती है कि किस तरह का ट्रीटमेंट ज्यादा कारगार साबित होता है और कौन सा नहीं।

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