अक्सर क्यों भूल जाते हैं सोते समय देखे गए कुछ Dreams?

ऐसा अक्सर होता है जब हमारी नींद अचानक से खुल जाती है और हमें अहसास होता है कि हम सपने में कुछ देख रहे थे, जिससे बहुत एक्साइटेड थे या बहुत अधिक डरे हुए थे और इसी एक्साइटमेंट में हमारी नींद खुल गई। लेकिन नींद खुलने के बाद हमें याद नहीं रहता कि हमने सपने में क्या देखा। वहीं, कई बार ऐसा होता है कि सुबह के समय अलार्म की आवाज सुनकर हमारी आंख खुलती है तो हमें अहसास होता है कि हम तो सोए ही नहीं थे, हमारा दिमाग लगातार काम कर रहा था। लेकिन सपने में हमने क्या देखा यह हमें याद नहीं रहता है।

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, नींद में देखे गए कुछ सपने याद रहते हैं जबकि कुछ सपने हम भूल जाते हैं। ऐसा स्लीपिंग पैटर्न के कारण होता है। दरअसल, सोते समय हमारा दिमाग नींच के चार चरणों से गुजरता है। इनमें से पहले तीन चरण नॉन रेपिड आई मोमेंट होते हैं, जिन्हें एनआरईएम ( NREM) कहा जाता है। नींद का पहला चरण जागती अवस्था से नींद में जाने का होता है, इस समय शरीर दिन की अवस्था से खुद को दूर करते हुए रिलैक्सिंग की पॉजिशन में जा रहा होता है।

नींद का दूसरा चरण, जिसमें देखे गए सपने हमें अक्सर याद नहीं रहते हैं उसे NREM कहते हैं। नींद की इस स्टेज में दिमाग ऐक्टिव फॉर्गेटिंग स्टेज में रहता है। एक नई स्टडी में सामने आया है कि दिमाग ऐसा गैर जरूरी यादों को डिलीट करने के लिए करता है। यह बात भी सामने आई है कि इन सपनों को भुलाने में न्यूरॉन्स मददगार होते हैं और यही न्यूरॉन्स हमारी भूख को कंट्रोल करने का काम करते हैं। इस रिसर्च को जनरल साइंस में पब्लिश किया गया है और यह रिसर्च जापान की एक यूनिवर्सिटी में की गई है।

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