अब कमलनाथ सरकार लेगी 1000 करोड़ का कर्ज

भोपाल
 तंगहाली से निपटने के लिए कमलनाथ सरकार 1000 करोड़ रुपए का कर्जा लेगी। नई सरकार बनने के बाद यह पहला कर्ज है। सोमवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसमें 2028 तक के लिए 1000 करोड़ का कर्ज लिया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार पर 1.83 लाख करोड़ रुपए का कर्जा है। विधानसभा चुनाव के पूर्व तत्कालीन भाजपा सरकार ने सरकारी योजनाओं की जमकर खर्च किया था। इसके खजाने पर भारी बोझ है। अब सरकार बदलने के बाद कमलनाथ सरकार को इसी कारण कर्जा लेना पड़ रहा है।

गौरतलब है इसके पहले दिसंबर 2018 में शिवराज सरकार भी 800 करोड़ रूपए का कर्ज लेने का नोटिफिकेशन जारी किया था। सरकार द्वारा बाजार से अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के नाम पर ये कर्ज लिया जाना था। बताया जा रहा है कि यह कर्ज 10 साल के लिए होगा। मध्यप्रदेश सरकार इससे पहले 12 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। सरकार का कहना था कि यह कर्ज विकास कार्यों के लिए लिया जा रहा है।

नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच हो
उधर पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के दौरान नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होना चाहिए। इसके लिए दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हो। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे पत्र में यह मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि गत वर्षों उज्जैन में हुए सिंहस्थ में हुए 5000 करोड़ के भ्रष्टाचार के बाद पूर्व प्रभारी नेता प्रतिपक्ष, मौजूदा गृहमंत्री बाला बच्चन के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार उजागर किया था। इसके प्रमाण भी मौजूद हैं।

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