Zomato का खाना ठुकराने वाले अमित शुक्ल के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस

जबलपुर
 जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय के हाथों से खाना लेने से मना करने वाले जबलपुर के अमित शुक्ल की मुसीबत बढ़ गई है। जबलपुर के पुलिस अधीक्षक के इस मामले में संज्ञान लेने के बाद अमित शुक्ल पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की तैयारी है। जोमैटो कंपनी की तरफ से भी ब्यान आने के बाद देशभर में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी। कई लोग अमित शुक्ल का निजी मामला बता रहे हैं तो कई लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं।

फूड डिलीवरी एप जोमैटों की ओर से गैर हिन्दू ब्वॉय के जरिए खाना भेजने के कारण आर्डर कैंसिल करने वाले अमित शुक्ल के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है। अमित शुक्ल के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं 107/115 के तहत प्रकरण दर्ज करने के लिए एसपी ने निर्देश दिया है।

क्या है मामला
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जबलपुर के अमित शुक्ल नाम के एक शख्स ने जोमैटो एप के जरिए फूड डिलीवरी इसलिए कैंसिल कर दी थी, क्योंकि उसे डिलीवर करने वाला शख्स गैर हिन्दू था। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल हो गया। कुछ ही समय में ट्वीटर पर यह टॉप ट्रेंड में आ गया।

-अमित शुक्ल ने जोमैटे के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीन शॉट भी लगाया और कहा कि वे अपने वकील से राय लेंगे। इसके जवाब में जोमैटो कंपनी ने भी लिखा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद ही एक धर्म है।

भाजपा विधायक ने भी किया समर्थन
इससे पहले भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा जबलपुर के पंडित अमित शुक्ल के समर्थन में खड़े हो गए हैं। रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि अमित शुक्ल के खाना नहीं लेना कोई बहस का मुद्दा नहीं है। जबकि कश्मीर और धारा 370 पर चर्चा होना चाहिए। रामेश्वर शर्मा ने यह भी कहा कि जब कानून की बाध्यता राष्ट्रगान गाने में नहीं है, तिरंगा फरहाने में नहीं हुई तो फिर टिफिन खाने में कैसे हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *