SIM स्वैप से हो रही धोखाधड़ी, मिनटों में खाली हो जाएगा आपका अकाउंट

अगर आपको कोई ऐसी कॉल आती है जिसमें आपसे कहा जाता है कि अगर आप अपना सिम अपडेट नहीं करते हैं तो जल्द ही यह डिऐक्टिवेट हो जाएगा, तो सावधान हो जाइए। ऐसी कॉल पर जानकारी देकर आप सिम स्वैप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। हाल ही में मुंबई में एक व्यापारी को इसी का शिकार होने के चलते 1.87 करोड़ रुपये गंवाने पड़े। दरअसल, इस शख्स के फोन पर रात में छह मिस्ड-कॉल आए और पता चला कि इसके बाद अकाउंट से 1.87 करोड़ रुपये कट गए। ऐसे में कल को आप सिम स्वैप फ्रॉड का शिकार न हों, इसलिए आपको बताने जा रहे हैं इससे बचने के तरीके…

क्या है 'सिम स्वैप'
सिम स्वैप का मतलब है सिम एक्सचेंज, जिसमें आपके फोन नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है। ऐसा होते ही आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और फोन से सिग्नल गायब हो जाते हैं। अब आपके नंबर से रजिस्टर हुए दूसरे सिम पर आने वाले ओटीपी को इस्तेमाल कर कोई दूसरा शख्स आपके पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है।

कहां से होती है शुरुआत
इसकी शुरुआत होती है एक कॉल से, जिसमें सामने वाला व्यक्ति यह दावा करता है वह एयरटेल, वोडाफोन या फिर किसी अन्य सर्विस प्रवाइडर का एक्सक्युटिव है। ये आपके स्मार्टफोन पर कॉल ड्रॉप ठीक करने या फिर इंटरनेट स्पीड बढ़ाने से की बात करते हैं।

आपसे मांगते हैं 20 डिजिट का सिम नंबर
बातचीत के दौरान वह आपसे आपके सिम का 20 डिजिट का यूनिक नंबर मांगने की कोशिश करते हैं। यह नंबर आपके सिम के पीछे लिखा होता है।

आपसे ही प्रोसेस पूरा कराते हैं
एक बार आपका नंबर मिलने के बाद ये आपसे 1 प्रेस करने को कहते हैं, जिससे ऑथेन्टिकेशन होता है और सिम स्वैप का प्रोसेस पूरा हो जाता है।

फिर आपके फोन का सिग्नल हो जाता है गायब
एक बार सिम स्वैप हो जाने के बाद आपके नंबर पर सिग्नल आने बंद हो जाते हैं। दूसरी ओर आपके नंबर वाले स्कैमर के सिम कार्ड वाले फोन में पूरे सिग्नल आ जाते हैं।

देखें, कैसे अपने पैसों से हाथ धो बैठते हैं आप
ये टू-स्टेप प्रोसेस होता है। ज्यादातर केस में स्कैमर के पास आपकी बैकिंग आईडी और पासवर्ड होते हैं। अब बस उन्हें ओटीपी की जरूरत होती है, जो आपके सिम पर आता है।

स्कैमर के पास कहां से आती है आपकी बैंकिंग डीटेल
जब आप अपने बैंकिंग वेबसाइट का फेक वर्जन ओपन कर अपनी डीटेल भरते हैं तो ये डिटेल अपने आप ही स्कैमर्स के हाथ लग जाती है।

कभी न बताएं अपना आधार नंबर
कई बार वे आपसे आपका आधार नंबर भी पूछते हैं इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी इसे किसी को ना दें।

भूलकर भी ऑफ न करें फोन
ज्यादातर ऐसा होता है कि सिम स्वैप करने के बाद स्कैमर आपको लगातार फोन करके परेशान करते हैं, जिसमें कई बार आप फोन ऑफ भी कर देते हैं। दरअसल, यह उनकी एक चाल होती है, क्योंकि एक सिम को ऐक्टिवेट होने में करीब 4 घंटे का समय लगता है। ऐसे में वे आपको परेशान करते हैं और चाहते हैं कि आप फोन बंद कर दें, जिससे उन 4 घंटे में उनका काम हो जाए और आपको पता भी न चले।

बैंक डिटेल्स से रहें अपडेट
जरूरी है कि आप हमेशा अपने बैंक अकाउंट बैलेंस पर नजर रखें। जैसे ही आप इस तरह की कोई भी ऐक्टिविटी देखें, तुरंत अपने बैंक को इन्फॉर्म करें।

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