RJD नेता तेजस्वी यादव का अज्ञातवास पार्टी-परिवार में नियंत्रण की कवायद!

पटना
आरजेडी के भविष्य और लालू यादव के उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव का अज्ञातवास से घर वापसी पर राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं. तेजस्वी यादव के गायब होने पर काफी चर्चा हो रही है, इस चर्चा का सबसे बड़ा विषय यह है कि आखिर क्यों गायब हुए तेजस्वी. लोकसभा चुनाव में हार के बाद उनकी गुमशुदगी गम को लेकर थी या फिर लड़ाई सत्ता को लेकर थी.

लालू यादव ने जेल जाने से पहले तेजस्वी को पहले डिप्टी सीएम और फिर नेता प्रतिपक्ष बनाकर अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े भाई तेजप्रताप यादव की तरफ से दिखाए गए बागी तेवर ने तेजस्वी को परेशान कर दिया. जहानाबाद में हार ने साफ कर दिया कि तेजप्रताप के बागी उम्मीदवार ने ही अपने उम्मीदवार को हरा दिया, वरना आरजेडी शून्य पर आउट नहीं होती.

हार के बाद एकांतवास में तेजस्वी के जाने के पीछे की कहनी भी यही है. सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी चाहते हैं पूरी पार्टी पर अब उनका नियंत्रण हो, इसीलिए हार के बाद लगभग एक महीने तक नदारद रहे. तेजस्वी को दो मोर्चों पर इसके लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. पहला पार्टी के भीतर और दूसरा परिवार के भीतर.

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के भीतर रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुलबारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी जैसे सीनियर नेता तेजस्वी की कार्यशैली को लेकर नाराज हैं. खासतौर से लोकसभा चुनाव में हार के बाद उनका गायब रहना उन्हें और नागवार गुजरा है. इन नेताओ ने वक्त-वक्त पर इसका इजहार भी कर दिया है. तेजस्वी की कोशिश इन सबके ऊपर अपने-आप को स्थापित कर पार्टी का सर्वेसर्वा बनने की है.

दूसरी तरफ, परिवार के भीतर भी बड़े भाई तेजप्रताप और बहन मीसा भारती के ऊपर अपने आप को स्थापित करना उनके लिए बड़ी चुनौती है. बहन मीसा भारती तो मुखर नहीं हैं, लेकिन  भाई तेजप्रताप की तरफ से बढ़ती सक्रियता पार्टी लाइन के खिलाफ भी कई बार हो जाती है. कभी तेज सेना बनाकर तो कभी अलग से बैठक बुलाकर तेजप्रताप ऐसा कदम उठाते रहते हैं, जिससे तेजस्वी असहज रहते हैं.

ऐसे में तेजस्वी की कोशिश परिवार के भीतर चल रही खींचतान में भी अपने आप को सबसे ऊपर साबित करने की है. सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने इसी कोशिश में अपने आप को इन तमाम विवादों से अपने आप को दूर रहते हुए मनन चिंतन किया और अब विधानसभा में नए तेवर के साथ उतर गए हैं.

आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा हैं कि तेजस्वी को गायब बताने वाले अब अपनी चिंता करें. आरजेडी की सहयोगी आरएलएसपी के प्रवक्ता और महासचिव माधव आनंद कहते हैं कि जेडीयू-बीजेपी को मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत पर चिंता करनी चाहिए, तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य की चिंता करने के लिए हमलोग तो हैं ही.

हालांकि जेडीयू विरासत में मिले तेजस्वी के नेता प्रतिपक्ष के पद पर कटाक्ष कर रही है. जबकि बीजेपी को आरजेडी का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. लालू यादव के सहयोगी रहे बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने दावा किया है कि अब लालटेन बुझ चुकी है.

लेकिन विरोधियों के हमले के बावजूद अब तेजस्वी की नज़र पार्टी – परिवार में सबकुछ अपने नियंत्रण में लेने की है. जल्द ही आरजेडी में संगठन का चुनाव होने वाला है. ऐसे में लालू यादव के जेल में रहने की स्थिति में संगठन के चुनाव से निकलने वाला संदेश लालू यादव की पार्टी-परिवार के भविष्य का फ़ैसला करने वाला होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *