PF पर 8.65% ब्याज पर संकट, वित्त मंत्रालय ने EPFO से फंड की जानकारी मांगी

 
नई दिल्ली

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से वित्त वर्ष 2018-19 के लिए तय हुई ब्याज दर 8.65 फीसदी पर संकट के बादल छा गए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने 8.65 फीसदी ब्याज देने के मामले में EPFO से सफाई मांगी है। वित्त मंत्रालय ने पूछा है कि इतना ब्याज देने के लिए क्या ईपीएफओ के पास पर्याप्त फंड है। आपको बता दें कि फाइनेंस कंपनी IL&FS और उसी तरह के अन्य जोखिम भरे निवेशों में कई बड़े निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में क्या EPFO नुकसान से बच पाया है। साथ ही, उसके पास क्या अब पर्याप्त रकम है। 
 
वित्त मंत्रालय ने श्रम सचिव को भेजा पत्र 
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय ने श्रम सचिव को एक पत्र भेजकर सवाल उठाया है कि पिछले वर्षों में ईपीएफ ब्याज दर के भुगतान के बाद सरप्लस को केवल ईपीएफओ के अनुमानों में क्यों दिखाया है जबकि यह वास्तव में नहीं दिखता है। साथ ही वित्त मंत्रालय ने आईएलएंडएफएस और इसके जैसे जोखिम भरे निवेश के बारे में जानकारी मांगी है। यह पत्र दोनों मंत्रालयों के बीच कई दौर की चर्चा के बाद भेजा गया है। 
 
आय से ज्यादा खर्च कर रहा ईपीएफओ 
2016-17 के लिए ईपीएफओ के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ऑडिट खातों में आय से अधिक व्यय दर्ज है। हालांकि, यह डाटा विशिष्ट विवरण नहीं देता है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, हम पहले भी सरप्लस फंड को लेकर श्रम मंत्रालय के सामने सवाल उठा चुके हैं। अधिकारी का कहना है कि यदि ईपीएफओ डिफॉल्ट करता है तो ग्राहकों को भुगतान की जिम्मेदारी सरकार के पास होगी। 
 
सभी गणना सही हैं: EPFO 
उधर, ईपीएफओ के एक अधिकारी का कहना है कि हमारी सभी गणनाएं एकदम सही हैं। हम 20 से ज्यादा वर्षों से यह काम कर रहे हैं। हम जिस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह कोई नया नहीं है। अधिकारी का कहना है कि वित्त मंत्रालय ने कुछ सवाल उठाए हैं जिनका उत्तर दिया जा रहा है। आईएलएंडएफएस में निवेश डूबने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि इससे चिंतित नहीं होना चाहिए। अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। 

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