सरकार ने कर्ज में डूबी एअर इंडिया से मांगा एक साल का लेखा-जोखा

 
नई दिल्‍ली   
 
नागर विमानन मंत्रालय ने सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया से वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा- जोखा तैयार करने को कहा है. एअर इंडिया को जून अंत तक का समय दिया गया है. मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एअर इंडिया की तीन इकाइयों के विनिवेश की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिये जाने के बाद यह निर्देश दिया है. बता दें कि एअर इंडिया के ऊपर करीब 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.

नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने एयर इंडिया के चेयरमैन अश्वनी लोहानी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में 1 अप्रैल को एक बैठक हुई जिसमें एअर इंडिया की तीन अनुषंगियों एअर इंडिया एअर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और एयरलाइन अलाय्ड सर्विसेज लिमिटेड की विनिवेश की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय लिया गया.’’

उन्‍होने कहा कि एयर इंडिया और अनुषंगियों की विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये उनके 2018- 19 के ऑडिट किये वित्तीय लेखा-जोखा की जरूरत होगी. ‘‘इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया एयर इंडिया और उसकी अनुषंगियों के 2018- 19 के वित्तीय परिणाम को जून के आखिर तक अंतिम रूप दें दें.’’

बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली एक समिति ने  साल 2018 मई में एअर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल होने के बाद जून में इसे कुछ समय के लिये टालने का निर्णय लिया गया. समिति ने इसके बाद कंपनी में पैसा लगाने तथा जमीन एवं अन्य संपत्तियां बेचकर कर्ज कम करने का निर्णय लिया.

सरकार ने एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को तेजी से आगे बढाने के लिये इस साल फरवरी की मंत्रिमंडल की बैठक में एक विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) बनाने को मंजूरी दे दी थी. इसका नाम –एअर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड– रखा गया. इस निकाय को एयर इंडिया का 29,464 करोड़ रुपये का कर्ज और उसकी चार सब्‍सिडरी ट्रांसफर की गईं. चार सब्‍सिडरी में एआईएटीएसएल, एएएसएल, एआईईएसएल और होटल कापोर्रेशन आफ इंडिया (एचसीआई) शामिल हैं.

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