CBI जांच पर बीजेपी का दोहरा मापदंड! एमपी में लगा चुकी थी प्रतिबंध

भोपाल 
CBI पर पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये के बीच मध्यप्रदेश में बीजेपी का दोहरा मापदंड सामने आया है. केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी, तब प्रदेश की बीजेपी सरकार ने एमपी कैडर के अफसरों की CBI जांच पर प्रतिबंध लगा दिया था.तत्कालीन सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया था.

12 अक्टूबर 2012 को प्रदेश की शिवराज सरकार के गृह विभाग ने सीबीआई की जांच को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था. उसमें एमपी कैडर के आईपीएस, आईएएस और आईएफएस अफसरों की जांच के लिए सीबीआई को इजाज़त बैन कर दी गयी थी. केंद्र में उस वक्त यूपीए सरकार थी.

दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 (1946 कर 25) की धारा 6 के अनुसरण में केंद्र सरकार, केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों द्वारा, केंद्र सरकार के कार्यकलापों से संबद्ध व्यक्तियों द्वारा (अपराध किए जाते समय या उनके अंवेषण के दौरान मध्यप्रदेश कैडर के मध्यप्रदेश सरकार के अधीन सेवारत आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसरों को छोड़कर) किए गए अपराधों के संबंध में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों, अधिकारिता का विस्तार संपूर्ण मध्यप्रदेश में करने के लिए अपनी सहमति देती है.

अब जबकि पश्चिम बंगाल में उसी मसले पर बवाल मचा हुआ है, कांग्रेस ने पुरानी फाइलों की धूल झाड़ कर निकाल ली हैं. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी दोहरा मापदंड अपनाती है.जब केंद्र में विपक्ष की सरकार रहती है, तो राज्य में बीजेपी अपने हिसाब से कानून और नियम चलाती है. बीजेपी के दांत खाने के और दिखाने के और हैं.जब बीजेपी के पास सत्ता नहीं है, तो अब वो इस तरह के नोटिफिकेश को गलत करार दे रही है.

मध्यप्रदेश के रिटायर्ड आईपीएस विजय वाते का कहना है कि सरकार जांच एजेंसियों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती है.जहां जैसा फायदा दिखता है, वो वैसे फैसले और आदेश निर्देश जारी करती है.उन्होंने कहा कि अफसरों को कानून के हिसाब से काम करना चाहिए.

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