पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने किया बंगला खाली, विस उपाध्यक्ष हिना कांवरे के सुपुर्द

भोपाल
पूर्व मंत्री सरकारी बंगले खाली नहीं कर रहे है जिसके चलते नए मंत्रियों को आबंटन के बाद भी सरकारी बंगले नहीं मिल पा रहे है। कांग्रेस सरकार ने सभी पूर्व मंत्रियों को बंगले खाली करने के लिए पंद्रह दिन का नोटिस थमाया था। यह अवधि 15 फरवरी को समाप्त हो रही है। इसके बाद बंगला खाली नहीं करने वाले पूर्व मंत्रियों को अपने बंगलों का दस गुना किराया पैनाल्टी के रुप में देना होगा।

मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री सुरेन्द्र पटवा, पारसचंद्र जैन, रामपाल सिंह और पूर्व विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने मंत्रियों को आबंटित किए जाने वाले बड़े सरकारी बंगलों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। इनके द्वारा बार-बार नोटिस के बाद भी बंगले खाली नहीं किए जा रहे है। 

पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने बंगला पूरी तरह से खाली कर लोक निर्माण विभाग को पजेशन नहीं दिया था। कल लोक निर्माण विभाग ने इसका विधिवत पजेशन लेकर यह बंगला विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को सुपुर्द कर दिया है। नोटिस मिलने के बाद पूर्व मंत्री विजय शाह ने बंगला खाली कर दिया है। 

पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार शिव चौबे ने भी सरकारी बंगला खाली कर दिया है। इन पूर्व मंत्रियों और भाजपा के प्रभावशाली नेताओं को बड़े बंगले खाली करने के लिए मियाद आज शाम को खत्म हो जाएगी। इसके बाद कल से इनसे बंगला खाली करने तक दस गुना किराया सरकार वसूल करेगी। 

बी टाइप के भवन के लिए अब तीस हजार रुपए, सी टाईप के भवन के लिए चौबीस हजार और डी टाइप के बंगले के लिए अठारह हजार रुपए मासिक किराया वसूल किया जाएगा।

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