लोकसभा चुनाव: बिहार में अंतिम दो चरण तय करेंगे पांच केंद्रीय मंत्रियों का भविष्य
पटना
बिहार में लोकसभा चुनाव के अंतिम दो चरण सत्ताधारी बीजेपी के लिए काफी अहम हैं। 12 मई छठे और 19 मई को सातवें चरण में राज्य की कुल 40 में से 16 पर चुनाव होना है। इन चरणों में राज्य में उसके छह में से पांच मंत्रियों और नौ सांसदों का भविष्य दांव पर लगा है। केंद्रीय मंत्रियों राधा मोहन सिंह (पूर्वी चंपारण) राज कुमार सिंह (आरा), राम कृपाल यादव (पाटलिपुत्र), रविशंकर प्रसाद (पटना साहिब) और अश्विनी कुमार चौबे (बक्सर) चुनावी मैदान में हैं।
बिहार से एक अन्य मंत्री गिरिराज सिंह भी बेगूसराय से चुनावी मैदान में हैं जहां चौथे चरण में मतदान हो चुका है। राम कृपाल यादव के सामने लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती हैं जो उन्हें कड़ी चुनौती दे रही हैं। उधर, रवि शंकर प्रसाद को पटना साहिब से दो बार बीजेपी सांसद रहे और अब कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा टक्कर दे रहे हैं। पटना साहिब बीजेपी का गढ़ माना जाता है और यहां के छह में पांच विधायक बीजेपी के हैं।
बक्सर में अश्विनी चौबे और जगदानंद के बीच मुकाबला
उधर, बक्सर में मंत्री अश्विनी चौबे और आरजेडी प्रत्याशी जगदानंद सिंह के बीच मुकाबला है। पीएम मोदी 14 मई को सासाराम और बक्सर में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके अगले दिन वह पाटलिपुत्र जाएंगे। इसके अलावा 11 मई को बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह रोड शो करेंगे। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण तथा वाल्मिकीनगर एनडीए का गढ़ है और यहां छह में से चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर पांच बार सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को पहली बार चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के आकाश प्रसाद सिंह चुनौती दे रहे हैं। स्थानीय निवासी उमेश मिश्रा का मानना है कि आकाश भले ही एससी/एसटी कोटे पर खतरे और चीनी मिल का मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन जीत राधा मोहन सिंह की होगी।
मोदी और महागठबंधन के जातिगत गठजोड़ के बीच मुकाबला
उन्होंने कहा, 'पूर्वी चंपारण में ब्राह्मण परंपरागत रूप से भूमिहारों का विरोध करते हैं। यह बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन यादव और मुस्लिम एक साथ आते हैं तो अन्य हिंदू जातियां एकजुट होकर बीजेपी की ओर जा सकती हैं।' उधर, आरजेडी नेता कृष्णकांत मिश्रा की इससे अलग राय है। उन्होंने कहा कि जातिगत गणित आकाश के साथ है। यहां तक कि ब्राह्मण भी बीजेपी का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उसने वर्तमान एमपी सतीश चंद्र दूबे को वाल्मिकीनगर सीट से टिकट नहीं दिया है।