2019 की जंग: मोदी या राहुल? नतीजों से पहले जानिए प्रचार में कौन पड़ा भारी

 
नई दिल्ली 

लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान सात चरणों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफानी प्रचार किया. उत्तर प्रदेश के मेरठ से शुरूऔर मध्य प्रदेश के खरगोन में समाप्त हुए अपने प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी ने कुल 143 रैलियों को सम्बोधित किया और चार रोड शो किये.

पीएम की कुल रैलियों में से 40 फीसदी रैलियां उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हुईं, जहां लोकसभा की कुल 143 सीटें हैं। प्रधानमंत्री ने सर्वाधिक 29 रैलियां उत्तर प्रदेश में कीं, जहां की 80 में से 73 सीटें 2014 के पिछले आम चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने जीती थीं. तृणमूल कांग्रेस का किला पश्चिम बंगाल में 17 और बीजद शासित ओडिशा में पीएम मोदी ने आठ रैलियां कीं। बंगाल की 42 सीटों में से भाजपा को केवल दो और ओडिशा की 21 सीटों में से एक सीट मिली थी.

इस बार प्रधानमंत्री के उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रैलियां करने के पीछे प्रदेश की सियासत में कभी चिरप्रतिद्वंदी रहे समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के महागठबंधन को वजह माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भाजपा अपना नंबर दुरुस्त करना चाहती है और इसीलिए प्रधानमंत्री ने इन राज्यों में यूपी के बाद सबसे ज्यादा रैलियां कीं.

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुल 126 चुनावी रैलियों को संबोधित किया. राहुल की सर्वाधिक 16 रैलियां मध्य प्रदेश, राजस्थान में 10, उत्तर प्रदेश में 09 और 08 रैलियां केरल में हुईं.
प्रधानमंत्री और भाजपा पश्चिम बंगाल में बेहतर प्रदर्शन से पार्टी 300 से अधिक सीटें ज्यादा सीटें हासिल करने का दावा कर रहे हैं. दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता दबी जुबान उत्तर प्रदेश में उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाने की बात स्वीकार करते हुए कह रहे हैं कि उम्मीद थी कि यूपी से कम से कम 60 सीटें मिलेंगी, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा. इसे महसूस करते हुए ही पार्टी नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में आक्रामक प्रचार किया.

भाजपा सू्त्रों की मानें तो हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी ने संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया. पार्टी का लक्ष्य इन राज्यों से कम से कम 30 सीटें जीतने का है.

पीएम मोदी ने इन राज्यों के अलावा बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में कुल 50 रैलियां कीं. 2014 के चुनाव में अकेले भाजपा ने इन छह राज्यों की कुल 196 लोकसभा सीटों में से 150 जीती थीं, जबकि एनडीए को 167 सीटें मिली थीं.

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