लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का रण, जानें किसका क्या दांव पर

 
नई दिल्ली 

लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी और सातवें चरण की वोटिंग शुरू हो गई है. इस चरण में बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्यों की 59 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. इस दौर में बीजेपी की साख दांव पर है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 59 में से 33 सीटें और 41 सीटें एनडीए जीतने में कामयाब रही थी. जबकि कांग्रेस को तीन, टीएमसी को 9 और बाकी सीटें अन्य को मिली थी. इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर है तो योगी के सामने गोरखपुर की सीट बचाने की चुनौती.

उत्तर प्रदेश की जिन 13 लोकसभा सीटों पर आखिरी चरण में वोटिंग हो रही है. इनमें महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चन्दौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीट है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 12 और एक सीट उसके सहयोगी अपना दल ने जीत दर्ज की थी. जबकि सपा, बसपा और कांग्रेस का खाता नहीं खुला था. इस बार के सियासी समीकरण काफी बदले हुए हैं सपा-बसपा के मिलकर चुनाव मैदान में उतरने से बीजेपी गठबंधन के सामने कड़ी चुनौती है.

मध्य प्रदेश की आठ सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, इनमें देवास, उज्जैन, मंदसौर,  खरगौन, खंडवा, रतलाम और धार सीट है. 2014 में इन सभी आठों सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. हालांकि बाद में रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इस तरह से मौजूदा समय में 7 सीटें बीजेपी के पास है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद कांग्रेस एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. हालांकि बीजेपी ने इस बार इन आठ में से 6 सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरे को उतारा है.
बिहार की 8 सीटों पर वोटिंग जारी है. इनमें नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकट और जहानाबाद सीट हैं. 2014 में इन आठ सीटों में बीजेपी पांच, एक सीट जेडीयू और  2 सीट आरएलएसपी जीतने में कामयाब रही थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में आरएलएसपी बीजेपी के साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ चुनावी मैदान में है, तो जेडीयू एनडीए का हिस्सा बनकर उतरी है. आखिरी चरण में मोदी सरकार के चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

पंजाब की गुरदासपुर, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरुर, पटियाला और खडूर साहिब सीट पर वोटिंग जारी है. 2014 के चुनाव में इन 14 सीटों में आम आदमी पार्टी 4, अकाली दल 4, कांग्रेस 3 और बीजेपी 2 सीटें जीती थी. लेकिन बाद में गुरदासपुर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी से कांग्रेस ने यह सीट छीन ली थी. इस तरह से पंजाब में कांग्रेस के पास चार और बीजेपी के पास महज एक सीट है. इस बार सबसे बड़ी चुनौती AAP के सामने हैं. जबकि कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी सीएम कैप्टन अमरिंदर के कंधों पर है.

पश्चिम बंगाल की दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर सीट पर वोटिंग चल रही है. 2014 में इन सभी 9 सीटें टीएमसी को मिली थी. इस बार जिस तरह बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग जारी है, जिसके चलते सभी की निगाहें बंगाल पर है.  ममता के सामने अपनी सीटें बचाने और बीजेपी को अपना जनाधार बढ़ाने की चुनौती है.

झारखंड की राजमहल, दुमका, गोड्डा सीट पर वोटिंग जारी है. 2014 में इन तीनों सीटों में से एक सीट बीजेपी और दो सीट जेएमएम जीतने में कामयाब रही थी. इस बार झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम मिलकर चुनावी मैदान में उतरी हैं, ऐसे में बीजेपी के लिए इन सीटों को बचाने की बड़ी चुनौती है. वहीं, चंडीगढ़ सीट पर भी वोटिंग जारी है. इस सीट पर 2014 में बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर ने जीत दर्ज की थी. पार्टी ने एक बार फिर उन्हें उतारा है, लेकिन कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है. हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों पर वोटिंग चल रही है. 2014 में इन चारों सीटों को बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.

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