होशंगाबाद एसपी की निगरानी में दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने फिर शुरू की जांच

भोपाल
भोपाल की अशोका गार्डन पुलिस ने परेशान होकर एक ही परिवार के तीन लोगों के सुसाइड करने के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मजिस्ट्रियल जांच में तत्कालीन थाना प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। दोषियों को बचाने के लिए होशंगाबाद एसपी की निगरानी में गुपचुप तरीके से जांच कराई जा रही है। 

मजिस्ट्रियल जांच पूरी होने के बाद पुलिस विभाग ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए एसआईटी को गठित कर दिया है। अशोका गार्डन थाने में एक परिवार के तीन सदस्यों से सुसाइड किया है। मजिस्ट्रियल जांच में दोषी मिलने के बाद भी पुलिस विभाग ने करीब चार साल पहले की घटना में अपने आप को कठघरे से बाहर करने एसआईटी गठित कर दी है। इसकी निगरानी होशंगाबाद एसपी अरविंद्र सक्सेना की जा रही है। 

अब दोबारा जांच शुरू हो गई है। जबकि पूर्व में मजिस्ट्रियल जांच में तत्कालीन थान प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। इसकी जांच रिपोर्ट भी भोपाल पुलिस को भेज दी गई है। रिपोर्ट में दोषी मिलने पर पुलिस महकमें में हलचल जरुर मच गई है। दोषियोंखिलाफ कार्रवाई से बचने के लिए पुलिस अफसरों ने कोई एक्शन लेना भी जरुरी नहीं समझा। 

अशोका गार्डन के सुंदर नगर में रहने वाले मीडियाकर्मी की बेटी का अफेयर दीपक बैरागी से चल रहा था। 28 अप्रैल 2015 को दोनों गायब थे। थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में थाने के तत्कालीन प्रभारी मोहन सारवान, एसआई संतोष रघुवंशी और एसआई सुनील तिवारी ने दबाव में आकर दीपक के पिता बृजमोहन, मां गुलाब बाई और छोटी बहन भारती ने सल्फास की गोलियां खाकर अपनी जान दे दी थी। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ित करने का आरोप था।

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