75 फीसदी प्रदेश के विवि डीआर और प्रोफेसरों के भरोसे 

भोपाल 
प्रदेश के 13 विश्वविद्यालयस में से 75 फीसदी बिना रजिस्ट्रार के चल रहे हैं। उनकी पूर्ति करने सात विवि में डिप्टी रजिस्ट्रार और प्रोफेसरों से हो रही है। इससे विवि की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने पांच रजिस्ट्रार और डीआर को विवि से दूर कर रखा है। 

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में डीआर अजीत श्रीवास्तव, जीवाजी विवि ग्वालियर में डीआर आईके मंसूरी, भोज मुक्त विवि में डीआर अरुण सिंह चौहान, अंबेडकर विवि महू में डीआर एचएस त्रिपाठी, देवी अहिल्या विवि इंदौर में डीआर अजय वर्मा, विक्रम विवि उज्जैन डीआर एसके बग्गा रजिस्ट्रार के प्रभार में है। एपीएस विवि रीवा में प्रो. बृजेश सिंह, आरडीविवि जबलपुर में प्रो. राकेश बाजपेयी, अटल बिहारी हिंदी विवि में प्रो. सुनील कुमार पारे प्रतिनियुक्ति पर हैं। नियम परिनियम की जानकारी नहीं होने के कारण वे कुलपतियों के हाथ की कठपुतलियां बन गए हैं। 

शासन ने अपने विवि से रजिस्ट्रार डॉ. बी भारती, कमलाकर सिंह, राकेश सिंह चौहान के साथ डीआर शैलेंद्र जैन और स्वाति वशिष्ठ को दूर कर रखा है। कुलपतियों के निर्देश पर प्रोफेसर बने रजिस्ट्रार ऐसे आदेश पारित कर रहे हैं, जो अधिकारी और विद्यार्थियों की परेशानी का कारण बन जाते हैं। इससे विवाद की स्थिति बन रही है। वर्तमान में करीब 70 सहायक कुलसचिव और उप कुलसचिव कार्यरत हैं।

गत वर्ष रजिस्ट्रार के तौर पर आनंद कामले, परीक्षित सिंह और रजिस्ट्रार संजय प्रकाश तिवारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान में सिर्फ चित्रकूट विवि में बी भारती, संस्कृत विवि उज्जैन में मनोज तिवारी और छतरपुर विवि में एलएस सोलंकी रजिस्ट्रार हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *