होम प्रॉपर्टी मार्केट में लौटी जान, घटी इनवेंटरी

 मुंबई/बेंगलुरु
प्रॉपर्टी की कीमतें अनुकूल होने, जीएसटी में कमी और ब्याज दरें कम होने की उम्मीद को देखते हुए घर खरीदने की चाहत रखने वाले लोग धीरे-धीरे रियल्टी मार्केट का रुख करने लगे हैं। एक्सपर्ट्स ने कहा कि सेल्स मोमेंटम बढ़ रहा है, साथ ही नए प्रॉजेक्ट्स की लॉन्चिंग कम है, जिससे बाजार को सामान्य स्तर की ओर वापसी करने में मदद मिल रही है। 

देश के टॉप सात शहरों में बिना बिके रेजिडेंशल अपार्टमेंट्स की इनवेंटरी मार्च तिमाही के अंत में घटकर 30 महीनों पर आ गई थी। 2017 की इसी तिमाही में इसका स्तर 50 महीनों का था। यह जानकारी रियल एस्टेट सर्विसेज कंपनी एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने दी। यह पैमाना बताता है कि बचा हुआ स्टॉक बेचने में कितने महीने लग सकते हैं। आमतौर पर 18 महीनों का स्तर अच्छा माना जाता है। 

स्टॉक में 16 फीसदी की कमी 
इन शहरों में बिना बिके मकानों का स्टॉक पिछले दो वर्षों में करीब 16 प्रतिशत घटकर 665,000 यूनिट्स पर आ गया। हालांकि यह 2013 में 496,000 यूनिट्स के सबसे निचले स्तर से अभी काफी ज्यादा है। 2014 से इनवेंटरी बढ़ने का ट्रेंड हालांकि थमा है और आंकड़े इसमें तिमाही दर तिमाही आधार पर गिरावट की जानकारी दे रहे हैं। 

प्रॉपर्टी रेट में वृद्धि नहीं
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया, 'विभिन्न शहरों में ऐवरेज प्रॉपर्टी प्राइस मोटे तौर पर जस का तस बना हुआ है और पिछले दो वर्षों में इसमें 2 प्रतिशत से भी कम इजाफा हुआ है। 2017 के पहले क्वॉर्टर में ऐवरेज प्राइस 5480 रुपये प्रति वर्ग फुट था, जो 2019 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में 5570 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।' उन्होंने कहा, 'केंद्र में स्टेबल गवर्नमेंट से बायर्स का हौसला और बढ़ने की उम्मीद है। आने वाली तिमाहियों में हाउसिंग सेल्स बढ़ सकती है।' 

7 शहरों में 71 फीसदी की तेजी 
मार्च तिमाही में टॉप सात शहरों में हाउसिंग सेल्स 71 प्रतिशत बढ़कर 78520 यूनिट्स पर पहुंच गई, जो दो साल पहले की इसी अवधि में 46000 यूनिट्स पर थी। 

बेंगलुरु में सबसे ज्यादा बिक्री 
टॉप सात शहरों में ओवरऑल अनसोल्ड हाउसिंग स्टॉक पिछले दो वर्षों में कुलमिलाकर 16 प्रतिशत घटा। सबसे ज्यादा गिरावट बेंगलुरु में दिखी। हाउसिंग इनवेंटरी मार्च क्वॉर्टर में दो साल पहले की इसी तिमाही के 118,700 यूनिट्स से 44 प्रतिशत घटकर 66,820 यूनिट्स पर आ गई। 

'बढ़ा होमबायर्स कौ हौसला' 
इस हालत की पिक्चर देश की सबसे बड़ी रियल्टी डिवेलपर डीएलएफ की अर्निंग्स में दिखी। उसने वित्त वर्ष 2019 में 2435 करोड़ रुपये की नेट सेल्स दर्ज की, जो सालभर पहले 1000 करोड़ रुपये थी। डीएलएफ के सीईओ राजीव तलवार ने कहा, 'मार्केट में स्थायित्व आता दिख रहा है। होम लोन रेट्स कम होने और ओवरऑल इकॉनमी में अच्छी ग्रोथ से होम बायर्स का हौसला बढ़ा है।' 
 

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