हाई-प्रोफाइल महासमुंद लोकसभा सीट पर टिकीं सबकी निगाहें, कौन होगा सांसद

रायपुर 
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनावी बिगुल बजते ही पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर अपने पूरे पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं कांग्रेस ने 5 सीटों पर अपना मोहरा चल दिया है, जबकि बीजेपी में अब तक 11 सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर आपाधापी मची हुई है.

इन्हीं 11 सीटों में एक सीट महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की है. प्रदेश में महासमुंद की सीट सबसे हाई-प्रोफाइल मानी जाती है. वैसे तो महासमुंद लोकसभा सीट पर कांग्रेस के कब्जे का इतिहास रहा है, लेकिन पिछले 2 चुनावों से लगातार बीजेपी के सांसद चंदूलाल कांग्रेस के इस चक्रव्यूह को भेदते आ रहे हैं. वहीं इस बार महासमुंद के महासंग्राम में कौन विजयी होगा, ये देखने वाली बात होगी.

बता दें कि महासमुंद की पहचान उस निर्वाचन क्षेत्र के तौर पर की जाती है, जहां से दिग्गज कांग्रेसी नेता विद्या चरण शुक्ला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. बतौर सांसद अपने 9 कार्यकाल में से विद्या चरण शुक्ला ने अपने पहले चुनाव समेत छह चुनाव महासमुंद से ही जीते. वर्ष 2004 में जब उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी, तो वे इसी निर्वाचन क्षेत्र में लौटकर आए. तब वे कांग्रेस के अजीत जोगी से हार गए थे. महासमुंद लोकसभा सीट के लिए राजनीतिक दलों में प्रत्याशी चयन के लिए बैठकों का दौर जोर-शोर से चल रहा है.

अमूमन कभी भी दोनों ही पार्टियां कभी भी अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती हैं. जैसे-जैसे चुनाव के दिन पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों में सांसद प्रत्याशी कौन होगा? इस पर भी बहस शुरू हो गई है. चर्चाओं के मुताबिक इस बार कांग्रेस हमेशा की तरह नया प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है. महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से इस बार सबसे लंबे समय तक सांसद रहे पं. विद्याचरण शुक्ल और मध्य प्रदेश में 3 बार सीएम रहे पं. श्यामाचरण शुक्ल के पोते और विधायक अमितेश शुक्ल के बेटे युवा चेहरा भवानीशंकर शुक्ल भी एक सशक्त दावेदार बनकर उभरे हैं. राहुल गांधी के मार्ग युवा सोच को लेकर आगे बढ़ाना चाहते हैं.

वहीं तीन बार महासमुंद से विधायक रहे अग्नि चंद्राकर का नाम भी लिस्ट में ऊपर माना जा रहा है. क्योंकि विधानसभा में उन्हें टिकट मिलने में चूक हो गई थी, इसलिए कांग्रेस अग्नि चन्द्राकर को लोकसभा टिकट देकर संतुष्ट कर सकती है. वहीं इनके अलावा जातिवादी समीकरण देखें तो कुरूद के पूर्व विधायक लेखराम साहू, विपिन साहू, अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू का नाम भी उभरा पर माना जा रहा है.

वहीं सूत्रों के अनुसार इस बार भी बीजेपी वर्तमान सांसद चंदूलाल साहू पर ही भरोसा जता सकती है. क्योंकि सांसद चंदूलाल साहू कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले इस सीट में पीछले 2 बार से भेद लगाते आ रहे हैं. लगातार बीजेपी से 10 सालों से सांसद हैं. हालांकि पार्टी के अंदरूनी खेमें की नाराजगी चंदूलाल को भारी पढ़ सकती है. साथ ही मौजूदा सांसद के अलावा कुरूद विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, रघुनंदन साहू का नाम भी इस बार उभरा है.

सांसद चंदूलाल की मानें तो नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने के बाद जनता जागरूक हुई है. साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की लहर को स्वीकारते हुए ये भी कहा कि वो एक लहर थी जो निकल गई, अब लहर नरेन्द्र मोदी की है और एक बार फिर बीजेपी देश में अपनी सरकार बनाकर दिखाएगी.

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