हाइकोर्ट : स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए वैन पर प्रतिबंध

भोपाल
नगर में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने में उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए अब सरकार द्वारा नई गाइडलाइन जारी की गई है। इस बार नए शिक्षण सत्र में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए वैन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हाइकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर वैन से स्कूली बच्चों के परिवहन को प्रतिबंध करने का आदेश दिया है। 13 सवारियों से कम क्षमता वाले वाहनों को स्कूल वाहन के रूप में रजिस्टर्ड नहीं करवाया जा सकता है। सिर्फ आटो और बस में जा सकेंगे।

यदि वैन चलती हुई नजर आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा आॅटो में बच्चों को उम्र के अनुसार बैठाना होगा। अब आॅटो में किसी भी हालत में पांच से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जा सकेगा। वैन के लिए दिए गए आदेश के मुताबिक स्कूली वैन दो तरह से नियम तोड़ती है। यह निजी श्रेणी में रजिस्टर्ड होती है और बच्चों को ढोने में कामर्शियल उपयोग होता है। हालांकि शासन का यह आदेश भले ही बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन अब आॅटो में अधिकतम पांच बच्चे बैठाने के कारण आॅटो चालक भी किराया बढ़ा देंगे। जिसका भार अभिभावकों पर पड़ेगा।आरटीओ स्वाति पाठक ने कहा परिवहन नियमों की जो गाइड लाइन तय की गई है, उसका पूर्णतरू पालन कराया जाएगा। स्कूल खुलते ही अभियान चलाया जाएगा।

बस के आगे व पीछे बड़े एवं पड़ने योग्य अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए। यदि बस किराए की है तो विद्यालयीन सेवा (आन स्कूल ड्यूटी) लिखा होना चाहिए। निर्धारित सीटों से अधिक बच्चे नहीं बैठाएं जाएं। फस्ट एंड बाक्स की व्यवस्था हो। खिड़की में आड़ी ग्रिल होना चाहिए। बस में अग्नि शमन यंत्र, स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर स्पष्ट अक्षरों में लिखा होना चाहिए। वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए। मोटर वाहन नियम 17 के अनुसार प्रत्येक बस में बस चालक के अतिरिक्त एक अन्य योग्य व्यक्ति होना चाहिए। बच्चों को हसरतें रखने के लिए सीट के नीचे जगह तथा एक शिक्षक होना चाहिए।

चालक के अलावा 12 वर्ष से अधिक आयु के केवल तीन छात्र। 12 वर्ष से अधिक आयु के दो छात्र होने पर इससे कम आयु के छात्र समेत चार बच्चे। इसके अलावा चालक के अलावा 12 वर्ष से कम के पांच बच्चे सवार हो सकते हैं। आखिरी स्थिति में 12 वर्ष से अधिक आयु का एक और कम आयु के तीन छात्र सवार हो सकते हैं।

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