स्वाइन फ्लू का कहर, मध्यप्रदेश में अब तक 10 लोगों की मौत, 22 पॉजिटिव

भोपाल 
ठंड के साथ ही मध्यप्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर भी बढ़ता जा रहा है. पारा गिरते ही प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू का वायरस एक्टिव हो गया है. हालात ये हैं कि राजधानी भोपाल में एक माह में ही स्वाइन फ्लू के 22 मरीज पॉजिटिव मिले हैं, जिनमे से तीन की मौत हो चुकी है. इंदौर में भी एक माह में 5 स्वाइन फ्लू के मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि जबलपुर और ग्वालियर में भी एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है.

साल 2019 का पहला महीना ही गुजरा है और मध्यप्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रदेश में अब तक स्वाइन फ्लू से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी भोपाल में पिछले साल में जहां कुल 35 मरीज स्वाइन फ्लू के मिले थे, वहीं इस साल 30 दिनों में यह आंकड़ा 26 तक तो पहुंच चुका है. भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में अब तक स्वाइन फ्लू के मरीजों की मौत की खबर आ चुकी है.

जहां लो ठंड के कारण काफी प्रभावित हो रहे हैं वहीं स्वाइन फ्लू भी प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयाहै. सीएमएचओ एनयू खान का कहना है कि शहरवासियों को स्वाइन फ्लू से बचाने के लिए हमीदिया अस्पताल और एम्स में वायरोलॉजी लैब है, जिसमें स्वाइन फ्लू की जांच ऑन टाइम हो रही है, लेकिन अगर ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो उनके पास इलाज के नाम पर प्राइमरी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर है जो सिरफ आशा सहयोगियों के दम पर चल रहा है.

प्रदेश में स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में कोई शिविर तक नहीं लगाया और न ही ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कोई अभियान चलाया. स्वास्थ्य विभाग की सभी सुविधाएं केवल शहरवासियों तक ही सीमित रह जाती है. इस मामले में जब स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से जब सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साथ ली और कहा कि वे इस विषय पर जवाब देने के लिए अधिकृत नहीं है.

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