स्टार्टअप्स को बढ़ावा: लिस्टेड कंपनियों और संस्थापक के रिश्तेदारों को भी मिल सकती है एंजेल टैक्स से छूट

बेंगलुरु/नई दिल्ली
केंद्र सरकार स्टार्टअप फंडिंग को बढ़ावा देने के लिए खास लिस्टेड कंपनियों, संस्थापकों के रिश्तेदारों और कुछ 'मान्यताप्राप्त निवेशकों' के अलावा एंजेल इन्वेस्टरों के लिए टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इन्हें स्टार्टअप्स में संभवतः 50 करोड़ रुपये तक की फंडिंग करने की अनुमति दी जा सकती है। मौजूदा प्रावधानों के तहत उन्हें 10 करोड़ रुपये तक की फंडिंग पर टैक्स छूट मिलती है। 

साथ ही, इन निवेशकों को मौजूदा 7 वर्ष की जगह 10 वर्ष की अवधि में टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की अनुमति मिल जाएगी। अभी स्टार्टअप्स को सात वर्ष के अंदर कभी भी लगातार तीन सालों तक टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की अनुमति है। कई कंपनियां और एक्सपर्ट्स इसे बाधक बताते रहे हैं क्योंकि इस अवधि में कोई स्टार्टअप मुनाफे में नहीं आ पाता है। 

औद्योगिक एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) और राजस्व विभाग एंजेल टैक्स की चिंताओं पर विचार कर रहे हैं। जब कोई अनलिस्टेड कंपनी मार्केट वैल्यू से ज्यादा कीमत पर किसी एंटिटि को शेयर बेचकर फंड जुटाती है तो फंड की रकम पर एंजेल टैक्स लगता है। 

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि DPIIT ने स्टार्टअप्स को शेल कंपनियों को दूर रखने के लिए इन्वेस्टमेंट डेक्लेरेशन का प्रस्ताव रखा है। स्टार्टअप्स में निवेश का प्रवाह बिना टैक्स डिपार्टमेंट के किसी सवाल के हो, इसकी व्यवस्था की जा रही है। जिन स्टार्टअप्स के पास अपने मालिकाना हक वाले दफ्तर, गोदाम आदि आदि (रियल एस्टेट), महंगी कारें, जूलरी और सोना, लिस्टेड या अनलिस्टेड कंपनियों की सिक्यॉरिटीज, कलाकृति अथवा बहुमूल्य सिक्के नहीं हैं और वे पिछले वर्ष से ऑडिटेड फाइनैंशल तथा टैक्स टैक्स रिटर्न जमा कर रहे हैं, उन्हें इन सुविधाओं के लाभ (ग्रीन चैनल बेनिफिट्स) मिलेंगे। 

एक सूत्र ने बताया, 'DPIIT में रजिस्टर्ड सभी स्टार्टअप्स को एक स्तर की टैक्स छूट का लाभ दिया जाएगा। यह स्तर क्या होगा, इसका फैसला किया जाना है।' उसने कहा कि अगले सप्ताह तक नए नियम सामने आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना चाहती है क्योंकि वह रोजगार पैदा करने पर जोर दे रही है।

हालांकि, टैक्स डिपार्टमेंट को 'मान्यताप्राप्त निवेशकों' को लेकर थोड़ी चिंता है, लेकिन वह 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर या निर्धारित नेटवर्थ वाली लिस्टेड भारतीय कंपनियों को एंजेल इन्वेस्टरों जैसा टैक्स लाभ दिए जाने के पक्ष में है। सूत्रों ने बताया कि फंडिंग की कितनी रकम को टैक्स छूट के दायरे में रखा जाए, इस पर विचार किया जाना है। इसी तरह, रिश्तेदारों के स्टार्टअप्स में फंडिंग करने वालों को भी इसी तरह की टैक्स छूट दी जाए सकती है।

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