स्कूल भी कर रहे हैं तलाश, कौन-कौन सा स्टूडेंट बन चुका है ‘पबजी वाला’

 
लखनऊ 

शहर के स्कूलों में भी उन 'पबजी वाले' स्टूडेंट्स की शिद्दत से तलाश हो रही है, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 'परीक्षा पे चर्चा' के दौरान किया था। पबजी की तरह पोकेमॉन गो, ब्लू वेल और डेडपूल जैसे गेम से बच्चों का स्वभाव उग्र हो रहा है। ये गेम्स खेलने वाले बच्चे पढ़ाई से भी दूर होते जा रहे हैं। इससे स्कूलों की परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में कई स्कूलों ने ऐसे 'पबजी वाले' बच्चों की निगरानी के लिए साइबर रिसर्च कमिटी के साथ पैरंट्स के लिए गाइडलाइंस भी जारी की हैं ताकि बच्चों को इन गेम्स की लत से छुटकारा दिलाया जा सके। 
 
डीपीएस में बनी साइबर रिसर्च टीम 
दिल्ली पब्लिक स्कूल-एल्डिको की प्रिंसिपल दीप्ति द्विवेदी ने बताया कि हम बच्चों को टेक्नॉलजी के इस्तेमाल से नहीं रोक सकते। यह आज की जरूरत है। ऐसे में हमने स्कूल में साइबर रिसर्च टीम बनाई है। इसमें कई बच्चे भी शामिल हैं। यह टीम बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखती है। इस तरह के ऑनलाइन गेम कई लोग मिलकर खेलते हैं। ऐसे में टीम के सदस्य गेम का हिस्सा बनकर नजर रखते हैं। इससे पता चल जाता है कि कौन क्या गेम खेल रहा है। इसके बाद हम ऐसे बच्चे की काउंसलिंग करते हैं और अभिभावकों को भी निगरानी के लिए कहते हैं। 

अभिभावकों के साथ करते हैं मीटिंग 
क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल राकेश चत्री ने बताया कि सेशन शुरू होते ही हम क्लासवार अभिभावकों के साथ मीटिंग करते हैं। इसमें अभिभावकों को गाइडलाइंस बताते हैं कि उन्हें कैसे बच्चों की निगरानी करनी है। स्कूल में ऑनलाइन गेम की वेबसाइट ब्लॉक हैं। इसके बावजूद मॉनिटरिंग की जाती है। 

केजी का बच्चा वायस सर्च से डाउनलोड कर लेता है गेम 
बंगला बाजार निवासी अरिफ का बेटा सफ्फान केजी में पढ़ता है। आरिफ ने बताया कि उनका बेटा किसी का भी मोबाइल मिलते ही सबसे पहले गेम सर्च करता है। की-बोर्ड पर टाइप करना नहीं आता तो गूगल पर वायस सर्च कर गेम खेलता है। हम निगरानी करते हैं। फिर भी मोबाइल मिलते ही छुपकर गेम खेलने लगता है। 

हिंसक गेम है पबजी 
पबजी ऑनलाइन गेम है, जिसे 100 लोग मिलकर खेलते हैं। इसमें 100 लोगों को एक साथ एक आईलैंड पर उतारा जाता है। इसके बाद वे एक दूसरे को मारते हैं। जो अंत में बचता है, उसे विजेता माना जाता है। आइलैंड पर उन्हें हथियार और गाड़ियां सब ढूंढ़नी होती है। जैसे गेम बढ़ता है, आईलैंड छोटा होता है और छुपने की जगह भी कम होती जाती है। साइकॉलजिस्ट जागृति शुक्ला बताती हैं, 'पबजी जैसे गेम ज्यादा खेलने से बच्चों के स्वभाव पर भी असर पड़ता है। ऐसे गेम खेलकर बच्चे ज्यादा उग्र हो जाते हैं। उनमें लड़ाई-झगड़े की प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है। इसी कारण बच्चों को ऐसे गेम खेलने से रोकना चाहिए।' 
 

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